हमें कम से कम 1320 कदम रोज चलने चाहिए। इससे हृदय के विकार दूर होंगे और हमें सेहत के लिए एक अच्छी शुरुआत मिलेगी। साधारण शब्दों में कहा जाए तो हमें कम से कम एक किलोमीटर रोजाना पैदल चलना चाहिए। हमें प्रतिदिन अपनी क्षमता के अनुसार कम से कम आधे से लेकर एक घंटे तक मध्यम या उच्च स्तर का शारीरिक व्यायाम करना चाहिए। घर के छोटे-मोटे काम खुद ही करना, बच्चों को स्कूल तक पैदल छोड़कर आना, लिफ्ट की बजाय घर या दफ्तर की सीढिय़ां चढ़ना, पार्क आदि में पैदल चलना या जॉगिंग करना और लगातार काम करते हुए थोड़े-थोड़े अंतराल में टहलते रहने जैसी छोटी-छोटी आदतें आपके सेहत के लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं।
भारत में हर साल 24 लाख लोगों को हृदय रोगों की वजह से जान गंवानी पड़ती है। भारत के गांवों में रहने वाले 15% और शहरों में रहने वाले 20% लोग उच्च रक्तचाप या हृदयाघात का सामना करते हैं। शहरी क्षेत्रों में हृदय रोगों से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा 32.8% है जबकि गांव में 22.9% लोग इन्हीं बीमारियों से मरते हैं।
धूम्रपान न करें –
भारत में होने वाली कुल मृत्यु में 42% असंक्रमणीय रोगों जैसे अति तनाव, मधुमेह या हृदय की बीमारियों आदि से होती हैं। व्यायाम के फायदे आपको तभी मिलेंगे, जब आप धीरे-धीरे अपनी एक्सरसाइज की मात्रा, समयावधि तथा उसकी तीव्रता को एक निश्चित अनुपात में बढ़ाते रहेंगे। शारीरिक गतिविधियां जैसे साइकिल चलाना, स्वीमिंग, बैडमिंटन खेलना, घर की साफ-सफाई, बागवानी वजन को नियंत्रित रखने में सहायक होती हैं और इससे शरीर में अन्य रोग न होने की क्षमता भी बढ़ती है। नियमित व्यायाम से आगे चलकर आपको उच्च रक्तदाब, कोलेस्ट्रॉल या मधुमेह जैसे रोग नहीं सताएंगे। इसी तरह अगर आप धूम्रपान से दूर रहते हैं और जंकफूड खाने की आदत को छोड़ देते हैं तो निश्चित ही आप हृदय रोगों के खतरों को टाल सकते हैं।
घी, तेल के अधिक प्रयोग से बचें –
हमारे देश में ज्यादातर लोग शाकाहारी हैं। लेकिन वे अधिक मात्रा में घी और मक्खन का प्रयोग करते हैं, जिससे उनमें हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढऩे लगता है। भारतीय लोग अनुवांशिक रूप से मेटोबॉलिक सिंड्रोम या सिंड्रोम एक्स के संपर्क में जल्दी आते हैं। इसी वजह से उनमें हृदय रोग होने की आशंका दोगुनी हो जाती है। जीन उत्परिवर्तन जो मायो कार्डियम के नष्ट होने से होती है, एक बड़ी वजह बनता है। कार्डियो मायोपैथी एक तरह की बीमारी है जो हृदय की कोशिकाओं को कमजोर करके उसकी रक्त को पंप करने की क्षमता को प्रभावित करती है। कार्डियो मायोपैथी की समस्या अचानक मृत्यु का कारण बन सकती है।
1,30,000 बच्चों को देश में जन्म के समय से ही हृदय रोग होते हैं। ऐसे में अगर उनका सही समय पर इलाज हो जाए तो वे आगे चलकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।