बलरामपुर जिले के कुसमी से लगे ग्राम पंचायत नटवरनगर निवासी टिकेश्वर राजवाड़े पिता राजकुमार 28 वर्ष हडिय़ा शराब पीने का आदि हो गया था। उसका बगल के गांव घुटराडीह की एक युवती से विवाह हुआ था, जिसके बाद दोनों करीब 5 वर्षों तक साथ रहे, लेकिन इस बीच उनका कोई संतान नहीं हुआ।
साथ ही टिकेश्वर के नशा करने से तंग आकर उसकी पत्नी 2 वर्ष पहले उसे छोडक़र अपने मायके चली गई थी। इसके बाद उसके परिजन ने उसकी दूसरी शादी करा दी। यहां युवती ने एक बच्चे को भी जन्म दिया। इधर जब टिकेश्वर को इस बात की जानकारी हुई तो वह तनाव में रहने लगा था।
इसके बाद टिकेश्वर के परिजन ने भी नवंबर 2023 में उसकी शादी कर दी। इसके बाद भी टिकेश्वर ने नशा करना नहीं छोड़ा। वह एक सप्ताह पूर्व भी घर से करीब 300 मीटर दूर फांसी लगाने गया था, लेकिन पत्नी सहित आसपास के लोग उसे समझाकर घर ले आए थे।
पत्नी के मायके जाते ही लगाई फांसी
16 अप्रैल को उसकी पत्नी अपने मायके झारखंड चली गई थी। इधर 18 अप्रैल को टिकेश्वर नशे की हालत में घर में ही था, जबकि उसके पिता मवेशियों को चराने तथा 2 अन्य भाई भी बाहर गए थे। शाम करीब 6 बजे उसका छोटा भाई रूबेन घर पहुंचा तो देखा कि टिकेश्वर के कमरे का दरवाजा भीतर से बंद है। कुछ ही देर बाद दूसरा भाई अनिल व पिता भी घर पहुंच गए। उन्होंने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। जब अनिल पीछे के दरवाजे से भीतर गया तो टिकेश्वर फांसी पर लटका हुिआ था। उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना पर कुसमी पुलिस ने आगे की प्रक्रिया पूरी की।