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बिलासपुर

एक बेबस पिता की पुकार, बेटा कुलदीप मेरे जिगर का टुकड़ा है, उसे मैं बचाना चाहता हंू, देखें वीडियो

महाराणा प्रताप चौक से व्यापार विहार तक कुलदीप की मदद के लिए पॉम्पलेट बांटते हुए लोगों से मदद की अपील की।

बिलासपुरNov 24, 2017 / 11:23 am

Amil Shrivas

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बिलासपुर . धन के अभाव में अपने मासूम बच्चे का उपचार करने में असमर्थ हूं। मुझसे जितना हो सका मैंने किया। सब बेच कर पैसा जुटाने लगा हूं। बेटा कुलदीप मेरे जिगर का टुकड़ा है, उसे मैं बचाना चाहता हूं। लेकिन पूरी तरह से बेबस हूं। धन के अभाव में मेरे बच्चे को जिंदगी व मौत से जूझना पड़ रहा है। मेरी मन:स्थिति क्या है, उसे कोई नहीं समझ सकता है। भगवान एेसा किसी दुश्मन के साथ भी न करे। हर तरह से कोशिश कर धन जुटाने का प्रयास कर रहा हूं अब तो मैं दूसरों से भी सहायता मांग रहा हू,ं ताकि मैं बच्चे को बचा सकंू। यह कहना है ऑटो चालक कोमल दिवाकर का। गुरुवार की दोपहर ऑटो चालक संघ व कठपुतली कला संस्थान के द्वारा रैली निकाल कर ऑटो चालक कोमल दिवाकर के 12 वर्ष के बेटे कुलदीप को बचाने के लिए लोगों से मदद की गुहार लगाई। महाराणा प्रताप चौक से व्यापार विहार तक कुलदीप की मदद के लिए पॉम्पलेट बांटते हुए लोगों से मदद की अपील की। मासूम बच्चे को बचाने के लिए रास्ते में जिसे जितना बन सका पैसे दिए। कोमल ने बताया कि बच्चा कुलदीप बोन कैंसर से पीडि़त है। जिसके इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी की जरूरत है। यह ऑपरेशन चेन्नई के वेल्लौर में होना है।
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खर्च बहुत ज्यादा है, लगभग 14 से 17 लाख रुपए। मेरी आय का जरिया ऑटो है, जिससे मैं उसका इलाज निरंतर करा रहा हूं, चूंकि अब खर्च इतना ज्यादा है कि इतना पैसा एकत्र करना मुश्किल है इसलिए मैं लोगों से सहयोग मांग रहा हूं, ताकि मेरा मासूम बच्चा स्वस्थ हो जाए। मुख्यमंत्री, सांसद व स्कूलों व अन्य संस्थाओं से मदद मिल रही है, जिससे आधे पैसे जमा हुए हैं। लोगों से मदद मिलेगी तो मेरा बेटा बच सकेगा।
इंसानियत के नाते करें मदद : कठपुतली नाट्य व कला संस्थान की किरण मोइत्रा ने बताया कि वह ऑटो चालक कोमल दिवाकर की इंसानियत के नाते मदद कर रही है ताकि उसके बच्चों को नया जीवन मिल सके। एक गरीब आदमी के लिए इतना ज्यादा पैसा जुटा नामुमकिन है एेसे में शहर के लोगों को भी इंसानियत के नाते अवश्य मदद करनी चाहिए। यदि हमारे सहयोग से किसी का भला होता है तो हर किसी को खुशी को मिलेगी। हम बहुत सारा पैसा व्यर्थ ही खर्च कर देते है एेसे में जरूरतमंद की सहायता थोड़े-थोड़े पैसे देकर अवश्य करे।
पत्नी भी गुजरी है 6 माह पहले : ऑटो चालक कोमल दिवाकर की पत्नी ६ माह पहले ही किडनी फेलियर के कारण चल बसी है। उसके इलाज के लिए भी बहुत खर्च किया और अब एका एक बच्चे को इतनी बड़ी बीमारी ने घेर लिया है जिससे वह पूरी तरह से टूट गया है।

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