नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाने के लिए दीदी बर्तन बैंक की स्थापना करने का फरमान जारी किया था। आदेश के तहत नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के वार्डों में से प्रत्येक 6 वार्डों के समूह में 1 दीदी बर्तन बैंक खोलने का खाका तैयार किया गया था। इसमें नगर निगम अधिकारियों को दीदी बर्तन बैंक के स्थापना के लिए जरूरी बर्तन खरीदी, स्व-सहायता समूहों का चयन समेत अन्य काम तय समय में पूरे करने के निर्देश दिए गए थे। इससे पहले नगर निगम अधिकारियों को क्षेत्र वासियों को योजना की जानकारी और इससे होने वाले लाभ की जानकारी देने के लिए जागरूक करने का भी फरमान जारी किया गया था। निकाय सीमा से बाहर रहने वालों को भी इसका लाभ देने के नियम थे, लेकिन इसके लिए निकाय के प्रभारी और महापौर या अध्यक्ष की अनुमति मापदंड में शामिल किए गए थे।
बाजार से कम दर पर किराया लेने का प्रावधान… राज्य शासन ने गरीब जनता को बर्तन बैंक का लाभ देने के साथ महिला स्व-सहायता समूहों को काम देने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की थी। इसमें बाजार में टेंट के किराए से कम दर पर लोगों को सभी टेंट के सामान उपलब्ध कराए जाने थे। मुख्य रूप से गरीब तबके के लोगों को इस योजना का प्राथमिकता से देने का नियम बनाया गया था।
नहीं मिला स्व-सहायता समूहों को रोजगार… राज्य शासन ने बर्तन बैंक का संचालन महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम करने के निर्देश दिए गए थे। समूहों से संबंधित निकाय 100 रुपए के स्टाम्प पेपर में 3 वर्ष के लिए नगर निगम को एग्रीमेंट करना था, ताकि स्व-सहायता समूहों में काम करने वाली महिलाओं को रोजगार मिल सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और योजना को अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने ही पलीता लगा दिया।
वार्डों में सर्वे तक नहीं योजना को शुरू करने के लिए राज्य शासन ने निकायों के वार्डों में सर्वेस करने के निर्देश दिए थे। सर्वे प्रत्येक निकाय के आधा दर्जन वार्डों में होने थे। ताकि महिला स्व-सहायता समूहों का चयन करने के साथ स्थान भी निर्धारित किया जा सके। इसके साथ ही सर्वे पूरा होते ही स्व-सहायता समूहों से एग्रीमेंट करने के साथ-साथ तत्काल बर्तन और अन्य सामान उपब्लध किए जाने थे, लेकिन यह काम आज तक संभाग के किसी निकाय में शुरू नहीं हुआ।
बुकिंग, जुर्माने के लिए बनाए गए थे नियम… आदेश के तहत बर्तन बैंक का लाभ लेने वालों को आर्डर 24 घंटे पहले देना होगा और किराया भी 24 घंटे के अनुरूप निर्धारित किया गया था। निर्धारित समय के बाद बर्तन जमा करने पर 5 रुपए प्रति बर्तन की दर पर जुर्मना देने का प्रावधान किया गया था।
ननि, नपा व नपं के बर्तनों के रंग भी किए गए थे तय राज्य शासन ने नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में योजना के तहत दिए जाने वाले बर्तनों के रंग भी तय किए थे, जिसमें नगर निगम के लिए लाल, हरा पीला, नीला नारंगी, बैगनी, काला, सफेद, गुलाबी, भूरा, गोल्डन, सिल्वर रंग शामिल किए गए थे।
दीदी बर्तन बैंक योजना के संबंध में जानकारी नहीं है। इस संबंध में सभी निकायों के प्रभारियों से संपर्क कर जानकारी ली जाएगी। जहां-जहां इस योजना पर काम नहीं हुआ है, वहां काम शुरू कराने के साथ जल्द दीदी बर्तन बैंक खुलवाया जाएगा। – विनय मिश्रा, संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास