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बिलासपुर

शिक्षक गए हड़ताल पर तो छात्रा ने सहपाठियों को सिखाया वर्णमाला, देखें वीडियो

प्रत्येक ग्राम पंचायतों में 2-2 प्रेरक हैं। इस हिसाब से जिले में करीब 13 सौ प्रेरकों को स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए लगाया गया है।

बिलासपुरNov 22, 2017 / 01:28 pm

Amil Shrivas

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बिलासपुर . शिक्षाकर्मियों की हड़ताल के कारण दूसरे दिन मंगलवार को भी अधिकांश स्कूलों में पढ़ाई ठप रही। बच्चे मध्यान्ह भोजन के बाद में खेलकूद कर अपने घर चले गए। वहीं कोटा , तखतपुर, मस्तूरी और पेड्रा, मरवाही विकासखंड क्षेत्र के कई स्कूल खुले ही नहीं। हालांकि विभाग ने साक्षरभारत के कई पे्ररकों को स्कूल में पढ़ाने के लिए बुला रखा है। साथ ही अजाक्स संघ शिक्षकों ने भी इस हड़ताल में शामिल होने से मनाकर दिया है। जानकारी के मुताबिक जिले में तीनों वर्गो के 12 हजार से अधिक टीचर हैं। इनमें लगभग 22 सौ ही नियमित हैं। एेसे में शिक्षा कर्मियों की हड़ताल के कारण लगभग सभी स्कूलों में पढ़ाई ठप पड़ी हुई है। स्कूलों में पढ़ाने के लिए सारक्ष भारत के प्रेरकों को स्कूल बुलाया गया है, प्रत्येक ग्राम पंचायतों में 2-2 प्रेरक हैं। इस हिसाब से जिले में करीब 13 सौ प्रेरकों को स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए लगाया गया है। इसके अलावा अजाक्स संघ के शिक्षाकर्मियों ने अपने आप को हड़ताल से अलग करके स्कूल में पढ़ाने का ऐलान किया है। लेकिन इन सब के बाद भी जिले की करीब ढाई हजार स्कूलों में पढ़ाई ठप है।
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बच्चों को स्क्ूलों में खाना खिलाकर छुट्टी कर दी जा रही है। मंगलवार को शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव विकासशील ने शाम को जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर से जिले की शिक्षा व्यवस्था को लेकर वीडियो कान्फ्रेंसिंग में जानकारी ली।
महिला शिक्षाकर्मियों ने भी दिखाई एकजुटता : शिक्षक पंचायत, नगरीय निकाय मोर्चा का अनिश्चितकालीन आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा। दूसरे दिन नेहरू चौक पर धरना आंदोलन में महिला शिक्षाकर्मियों की भागीदारी अधिक रही। संविलियन समेत 9 सूत्रीय मांगों को लेकर बेमुद्दत हड़ताल जारी है। मोर्चा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि शिक्षाकर्मियों की मांगों को लेकर लगातार उपेक्षापूर्ण रवैया अख्तियार किया गया। नौनिहालों के भविष्य के साथ राज्य सरकार ही खिलवाड़ करने पर तुली हुई है। शिक्षा कर्मियों ने मांगों को लेकर लगातार अवसर दिया। लेकिन प्रशासनिक और सरकार के अडि़यल रुख के चलते शिक्षा कर्मियों को आंदोलन की राह पकडऩी पड़ी।

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कांगे्रस व जकांछ का समर्थन: नेहरू चौक पर धरने पर बैठे शिक्षा कर्मियों के आंदोलन को कांगे्रस और जनता कांगे्रस छत्तीसगढ़ ने समर्थन दिया। कांगे्रस के पूर्व महापौर राजेश पांडेय एवं जकांछ नेता अनिल टाह ने शिक्षा कर्मियों की मांग को जायज ठहराया। इसके साथ ही रंगकर्मी जेठूराम साहू व अन्य ने समर्थन किया।
ये शामिल हुए आंदोलन में: धरना आंदोलन के दूसरे दिन शिक्षा कर्मी नीलिमा पाठक, मोनिका श्रीवास्तव, नीलम सिंह, हेमंत नायक, रजनीश पांडेय, प्रदीप पांडेय, कमलेश साहू, कमल नारायण गौरहा, प्रमेंद्र सिंह, सुभाष त्रिपाठी, रितेश सिंह, गंगेश्वर उइके, दीपक चौधरी, कृष्ण कुमार देवांगन, तेजनारायण, रामनारायण लास्कर, पुन्नीलाल, बिंदा सर्वे, धनसिंह, हेमंत कुमार सूर्यवंशी, बुधराम सूर्यवंशी, रमेश भाई, पदुम पटेल आदि ने संबोधित किया।

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