यात्रियों को बड़ी राहत…इस दिन से हिमगीर स्टेशन में दो ट्रेनों का होगा ठहराव, रेलवे प्रशासन ने जारी किया आदेश
अधिकारियों की मानें तो इस पर पहल हो चुकी है, जल्द ही यह लागू भी हो जाएगा। सडक़ दुर्घटना ग्राफ जिले में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आमल यह है कि आए दिन लोगों को सडक़ दुर्घटना में अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है।दुर्घटना के बाद कारणों की जांच करने गठित टीम ने मौके पर जांच की तो पाया कि अधिकांश दुर्घटना का कारण ओवर स्पीड व ड्रंक एंड डाइव है। दुर्घटना के ग्राफ को कम करने के लिए यातायात पुलिस लगातार अपने स्तर पर प्रयास करने के दावा भी कर रही है। दुर्घटना जन्य क्षेत्र में बोर्ड के साथ ही रंबर स्ट्रीप, लाइटिंग व्यवस्था के अलावा सडक़ में इंजीनियरिंग खामी को सुधारने लगातार काम कर रही है। बावजूद इसके दुर्घटना की वारदात लगातार सामने आ रही है।
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अच्छी सडक़ में ओवर स्पीड, खराब सडक़ में लापरवाही बड़ी वजह
शहरो की दूरी कम करने के साथ ही लोगो को बेहतर सडक़ मुहैया कराने के लिए केन्द्र व राज्य शासन सडक़ो का चौड़ीकरण के साथ ही गुणवक्ता युक्त सडक़ बना रही है। नेशनल हाइवे व स्टेट हाइवे की चौड़ी व अच्छी सडक़ पर वाहन सवार अत्यधिक तेज वाहन चला कर अपनी व दूसरो की जान को जोखिम में डाल रहे है। जहां की सडक़ चौड़ी व बेहतर नहीं है वहां पर लोग लापरवाही पूर्वक वाहन चला कर दुर्घटना का शिकार हो रहे है।
यातायात पुलिस थानों में वाहन दुर्घटना की वजह से होने वाली मौत की समीक्षा करने के लिए माह वार डाटा कलेक्ट करती है। जिले में औसतन 3 सौ से 350 मौतों का आंकड़ा हर साल दर्ज होता है।
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एमवी एक्ट में कई प्रावधान सही नहीं मोटर व्हीकल एक्ट में कई प्रावधान ऐसे हैं जो बोल चाल व व्यावहारिकता के मापदंड में सही नहीं ठहरते। मोटर व्हीकल एक्ट अंग्रेजों के कार्यकाल में बना कानून है। जब कानून बना उस दौरान अंग्रेज अफसरों व उनके करीबियों के पास ही गाड़ी होती थी। अपने बचाव के लिए 304 ए को ऐसा बनाया गया जिससे वह आसानी से बच सकें। कानून में संशोधन की आवश्यकता है। पाठ्यक्रम में यातायात की जानकारी संलग्न होने पर सभी वर्ग को इसका लाभ मिलेगा।अधिक शोरगुल से बीमार, बुजुर्ग, छात्रों सहित आम लोगों अब राहत, जारी हुआ यह आदेश…
लोगों का जागरूक होना जरुरी यातायात पुलिस व यातायात समिति के सदस्य स्कूल कॉलेज व विभिन्न जगहों पर नुक्कड़ नाटक व अन्य माध्यम से जागरूक करने अभियान चला रहे हैं। वाहन चलाने वालों को भी यह ध्यान रख कर वाहन चलाना चाहिए कि उनकी लापरवाही का खामियाजा उनको व उनके परिवार के साथ ही दूसरों को भी भुगतना पड़ सकता है। यातायात संबंधी जानकारी पाठ्यक्रम में शामिल होती है तो इससे ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक होंगे व आने वाले दिनों में सुधार की संभावना भी ज्यादा होगी।
उमा शंकर पांडेय, जिला सेफ्टी सेल अधिकारी।