बहनें घर से भाई की कलाई में बांधने राखी के साथ 100 ग्राम मिठाई भी लेकर पहुंची थीं। ऐसे में भाई के जेब खाली थे। जेल प्रबंधन ने कुछ पौधे उपलब्ध कराए। उन्हें ही तोहफे के तौर पर बहनों को देते हुए कैदी भाइयों ने कहा मेरे पास देने के लिए पैसे तो नहीं है। तू ये पौधे ले जा, जब भी मेरी याद आए इस पौधे में पानी डाल, मुझे याद कर लेना।
इसके साथ ही भाइयों ने बहनों को वचन दिया कि अब वे कभी भी कोई आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे। इस तरह बिलासपुर केंद्रीय जेल में रक्षाबंधन पर्व धूमधाम से मनाया गया। जेल प्रबंधन ने इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। बहनों को पंजीयन के बाद एक-एक कर अंदर भेजा गया जहां शाम 4 बजे तक बहनें कैदी भाइयों को राखी बांधती रहीं।
पांच माह से जेल में
रक्षाबंधन के दौरान एक माह की नवजात नायरा जेल में बंद 23 वर्षीय अपने भाई से मिलने पहुंची। मां उसे अपने साथ अंदर लेकर गई थी। जब नायरा का जन्म हुआ उसके 5 महीने पहले ही उसका भाई जेल पहुंच गया। अपनी छोटी बहन को गोद में लेते ही भाई के आंखों में आंसू आ गए। बहन को गर्मी न लगे इस लिए भाई ने उसे गोद में उठाकर पंखे के सामने खड़ा हो गया। उसे दूलार करते हुए कभी भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल न होने की कसम खाई।
Raksha Bandhan 2024: भोपाल से पहुंची बहन, राखी बांधकर परिसर में सो गई
रक्षाबंधन पर जेल में बंद अपने भाई से मिलने बहन 627 किलोमीटर दूर भोपाल से एक बहन बिलासपुर पहुंची। सुबह 5 बजे परिसर के गेट में खड़ी हो गई। पर्ची में नाम आया तो पहले खेप में ही अंदर पहुंच भाई को राखी बांधी। इसके बाद ट्रेन में देर होने के कारण अपने परिवार के साथ जेल परिसर में ही चटाई बिछाकर सो गई।
बहन को देखकर निकले आंसू
रक्षाबंधन पर मुस्लिम बहनें भी अपने भाइयों से मिलने केंद्रीय जेल बिलासपुर पहुंची। यहां बहन को देख एक सजायाफ्ता कैदी की आंखों से आंसू छलक गए तो दूसरे ने अपनी बहन को गले से लगा लिया। मुस्लिम बहने अपने कैदी भाइयों को राखी बांधी और मिठाई खिलाकर उनसे बातें करने लगी।