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बिलासपुर

यात्रियों को नहीं मिल पा रही रेलवे की डारमेंट्री व रिटायरिंग रूम की सुविधा, जानें क्या है वजह

इन रूम्स में रुकने के लिए एसी का 24 घण्टे में 1 हजार रुपए प्लस जीएसटी व नॉक एसी का 5 सौ रुपए किराया है।

बिलासपुरDec 10, 2017 / 01:36 pm

Amil Shrivas

railway station
बिलासपुर . केंद्र सरकार जहां डिजिटल व पेपरलेस कार्यप्रणाली पर जोर दे रहा है, वहीं दूसरी ओर रेलवे में यात्रियों को दस्तावेज के लिए हार्ड काफी देनी पड़ रही है। इसके कारण यात्रियों को रेलवे में सुविधाओं से वंचित होना पड रहा है। बिलासपुर रेलवे स्टेशन की डारमेंट्री और रिटायरिंग रूम पर रुकने के लिए आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करना अनिवार्य है, तभी उसे यहां ठहरने दिया जाएगा। इस नियम के चलते अगर कोई यात्री आधी रात को स्टेशन पर आकर रूम लेना चाहे तो उसे बगैर फोटोकॉपी के रूम नहीं दिया जाएगा। इसी नियम के चलते पिछले दिनों एक यात्री को रूम नहीं दिया गया, जिसके बाद उसने इसकी शिकायत रेलवे प्रशासन से की है। दरअसल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को रुकने के लिए 2 एसी और 5 नॉन एसी रिटायरिंग रूम हैं। इन रूम्स में रुकने के लिए एसी का 24 घण्टे में 1 हजार रुपए प्लस जीएसटी व नॉक एसी का 5 सौ रुपए किराया है। इसके अलावा एक डारमेंट्री हॉल है, जिसमें 25 विस्तर हैं। डारमेंट्री में 3 घण्टे से लेकर 24 घण्टे तक रुकने की व्यवस्था, जिसका किराया ढाई सौ रुपए है।
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इन रूम्स में प्रतिदिन व रात करीब ढाई से तीन सौ यात्री रुकते हैं। नियमानुसार इन रूम्स में ठहरने के लिए यात्रियों को अपनी टिकट व आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करना होता है। लेकिन रात के समय यात्रियों को फोटोकॉपी न होने के कारण रूम की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती। रात में गीतांजलि एक्सप्रेस या सारनाथ आदि ट्रेनों से आने वाले यात्रियों को इस कारण से रेलवे की डारमेट्री व रिटायरिंग रूम की सुविधा नहीं मिल पाती।यात्री ने की शिकायत:-अनिल कुशवाहा नाम के यात्री ने 8 दिसंबर की रात रेलवे में शिकायत की कि वह जबलपुर से अमरकंटक एक्सप्रेस से बिलासपुर आया। उसे स्टेशन पर बने डारमेंट्री में रुकना था। इसके लिए वह स्टेशन स्थित पूछताछ केंद्र में डारमेंट्री बुक कराने के लिए गया, जहां बैठे कर्मचारी ने डारमेंट्री अलार्ट करने के लिए अनिल से आधार कार्ड की फोटोकॉपी मांगी, लेकिन आधाी रात को स्टेशन सहित आसपास कहीं पर भी फोटो कापी की कोई
व्यवस्था नहीं है।
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और कम ही लोग अपने साथ आईकार्ड की फोटोकॉपी लेकर चलते हैं। एेसे में रेलवे को दस्तावेजों की फोटोकॉपी जमा करने के लिए समुचित व्यवस्था करें। मोबाइल से भी स्केन की व्यवस्था हो:-वैसे तो निजी होटल व लॉज में भी ठहरने के लिए मुशफिरों को अपने परिचय पत्र की फोटोकॉपी जमा करना होता है, इसके लिए होटल या लॉज प्रबंधक अपने काउंटर पर ही स्केनर मशीन लगाए हुए हैं, जो कि तुरंत फोटो कॉपी कर यात्री को उसका आईकार्ड वापिस कर देते हैं। रेलवे में स्केनर व फोटोकॉपी मशीन की कोई व्यवस्था नहीं है। जानकारों की मानें तो रेलवे भी अपने यहां मुसाफिरों के दस्तावेजों को मोबाइल द्वारा स्केन करने की व्यवस्था कर सकता है, जिसमें ज्यादा खर्च भी नहीं होना है।

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