सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को लेकर धरने पर बैठे रेल कर्मचारी
सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को लेकर साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर कांग्रेस बिलासपुर के सभी केन्द्रीय पदाधिकारी, कार्यकर्ता, एवं कर्माचारियों ने डीआरएम आफिस के सामने पर बैठे।
बिलासपुर. सोमवार को एन.एफ.आई के आह्वान पर साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर कांग्रेस बिलासपुर के सभी केन्द्रीय पदाधिकारी, कार्यकर्ता, एवं कर्माचारियों ने डीआरएम आफिस के सामने सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। एसईसीआर मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष तपन चटर्जी ने कहा कि सरकार केन्द्रय कर्मचारियों के विरूद्ध कर्मचारी विरोधी नितियां अपना रहीं है तथा सातवें वेतन आयोग में कई विसंगतियां है जिन्हे जल्द से जल्द संशोधित कर लागू किया जाए। उन्होने कहा कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं की जाएगी तो बड़ा आंदोलन होगा। इस दौरान संगठन के अध्यक्ष तपन चटर्जी, मनीबाबू, विजय अग्निहोत्री, रवि धल, कृष्ण कुमार, डी.के.स्वाई, ए जोसफ, रतिन धल, लक्ष्मण राव, गणेश रजक, जी.एच.आईच, शैलेन्द्र पार्धी समेत अन्य पदाधिकारी व रेलवे कर्मचारी मौजूद रहे।
क्या है मांगे
संगठन के अध्यक्ष तपन चटर्जी ने बताया कि सातवें वेतन आयोग में कई विसंगतियां है जिसको संशोधित कर तुरंत लागू किया जाना चाहिए। इसके अलावा बाजार के वास्तिविक मूल्य का पुनर्मूल्यांक कर वेतन दिया जाए।, न्यूनतम वेतन को 18000 ो 3000 किया जाए। वेतन आयोग का गठन दस वर्ष की जगह हर पांच वर्षो में यिा जाए, वार्षिक वेतन वृद्धि को सुधार कर 3 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत किया जाए। 1.1.2014 से लागू नई पेंशन नीति को रद्द कर पुरानी पेंशन नीति लागू की जाए, आवास, शिक्षा भत्त्ते का सरलीकरण किया जाए।