अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उइके की अध्यक्षता में सोमवार को छठ पूजा आयोजन के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, आयुक्त नगर निगम के प्रतिनिधि एवं छठ पूजा समिति के सदस्य उपस्थित थे। बैठक में छठ पूजा आयोजन के संबंध में चर्चा की गई। चर्चा के दौरान कहा गया कि छठ पूजा पर छठ घाट एवं अन्य जल स्त्रोतों पर छठियों की भीड़ इक_ा होने से कोविड 19 के संबंध में डब्लूएचओ द्वारा जारी गाइडलाइन यथा सामाजिक दूरी एवं मास्क की अनिवार्यता का पालन किया जाना संभव नहीं हो पाएगा।
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इसलिए इस वर्ष छठ घाट एवं अन्य जल स्त्रोतों पर सार्वजनिक रूप से छठ पूजा का आयेाजन नहीं किया जाएगा। छठ पूजा लोग अपने घरों पर ही करें। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष सार्वजनिक छठ पूजा का आयेाजन नहीं किए जाने संबंधी विभिन्न स्थलों पर बैनर,पोस्टर लगाए जाएंगे। नगर निगम क्षेत्र में इसकी मुनादी भी नगर निगम द्वारा कराई जाएगी। बैठक में लिए गए निर्णय का पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग कर पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
आपको बता दें कि कोरोना को देखते हुए त्योहारों की प्रकृति इस बार बहुत बदल गई है। दुर्गा पंडाल और गरबा पर प्रशासन के प्रतिबंध के बाद, अब सामूहिक स्तर पर छठ पूजा नहीं करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में, दुर्ग प्रशासन की ओर से समाज के प्रमुखों की एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि इस बार तालाबों और घाटों में सामूहिक स्तर पर छठ का आयोजन नहीं होगा, लेकिन लोग अपने-अपने घरों में प्रतीकात्मक तालाब बनाकर भगवान सूर्य की अराधना करेंगे।
हालांकि, इससे पहले, अंबिकापुर सहित कुछ अन्य जिलों में सामूहिक स्तर पर छठ घाट पर पूजा नहीं करने का निर्णय लिया गया है। आपको बता दें कि 20 नवंबर को पूरे देश में छठ पूजा मनाई जाएगी।