अर्चना पोर्ते अब कांग्रेसी
गौरतलब है कि मरवाही क्षेत्र के कद्दावर नेता रहे स्व. भंवर सिंह पोर्ते की पुत्री अर्चना पोर्ते 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी थीं और इस बार भी टिकट की मांग की थी। डॉ. गंभीर सिंह का नाम पहले से चल रहा था, जिसका उन्होंने चुनावी तैयारी की बैठक में प्रभारी अमर अग्रवाल की मौजूदगी में विरोध किया था। उनके पति शंकर कंवर जिला पंचायत बिलासपुर के उपाध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं और क्षेत्र में एक सक्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं। प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने उनके प्रवेश पर कहा कि मरवाही के विकास को देखकर इन नेताओं का भारतीय जनता पार्टी के मोहभंग हुआ। अर्चना पोर्ते पुराने कांग्रेसी परिवार की हैं पुन: कांग्रेस में वापस आ गई।
जाति प्रमाणपत्र के इस्तेमाल पर रोक
मरवाही उपचुनाव को लेकर गुरुवार की दूसरी बड़ी खबर ऋचा जोगी के जाति प्रमाणपत्र को लेकर रही। जिला स्तरीय जाति सत्यापन समिति ने ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निलम्बित कर दिया है और दस्तावेजों के साथ अग्रिम कार्रवाई के लिये राज्य शासन को भेज दिया है। समिति के अध्यक्ष अपर कलेक्टर राजेश नशीने ने यह जानकारी दी। जानकारों के मुताबिक अब उनका अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र अगले निर्णय तक इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकेगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त से गुहार
अमित और ऋचा के अधिवक्ताओं ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि न्यायालय का फैसला आ जाने तक निर्वाचन अधिकारी को राजनीतिक दबाव में आकर उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं करने के स्पष्ट निर्देश दिया जाए। अमित जोगी ने सुप्रीम कोर्ट के अपने अधिवक्ता (एओरआर) पीएन पुरी के माध्यम से भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिख कर यह मांग की है।
डॉ. गंभीर सिंह ने भरा नामांकन
भाजपा प्रत्याशी डॉ गंभीर सिंह ने गुरुवार को अपना नामांकन भर दिया। गंभीर के नामांकन में पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, मरवाही चुनाव प्रभारी अमर अग्रवाल सहित भाजपा के कई दिग्गज नेता शामिल रहे।
दुनिया की कोई ताकत मेरे कानून को नहीं बदल सकती- डॉ सिंह
नामांकन रैली को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बनते ही मैंने कोई भूखा ना सोए इसके लिए योजना बनाई, दुनिया की कोई भी ताकत इस कानून को नहीं बदल सकती। पहले बस्तर से लेकर मरवाही तक भूखे पेट सोने को लोग मजबूर थे। कांग्रेस सरकार की एक ही योजना, नरवा गरवा घुरवा अउ बाड़ी फ्लॉप साबित हो गई है। गौठानों में दम घुटने से गायों की मौत हो रही है। ना गायों को चारा मिल रहा और ना पानी। आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए तक की राशि से 10 करोड़ लोगों का इलाज करना था। जिसे भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़ में बंद कर दिया।