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बिलासपुर

Health Alert: क्यों होता है ब्रेन ट्यूमर? जानें किन लोगों को रहता है ज्यादा खतरा…

Chhattisgarh Health Alert: एआई के जमाने में लोग जितना आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे है, नई-नई बीमारियां उतना ही इंसानों को पीछे खींच रही है। कुछ ऐसा ही हाल है ब्रेन ट्यूमर बिमारी का….

बिलासपुरJul 08, 2024 / 06:17 pm

Kanakdurga jha

Chhattisgarh Health Update News
CG Health Alert: मानसिक तनाव व मोबाइल, टीवी, कॅप्यूटर के ज्यादा उपयोग से लोग तेजी से ब्रेन संबंधी बीमारी की जकड़ में आ रहे हैं। इसमें घातक बीमारी ब्रेन ट्यूमर भी शामिल है। संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सिस, निजी अस्पताल अपोलो समेत अन्य अस्पतालों में हर माह ब्रेन ट्यूमर के औसतन 30 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

मोबाइल, कंप्यूटर का करें सीमित उपयोग

अपोलो हॉस्पिटल के न्यूरो डॉ. राजकुमार ने बताया – सर्जन ब्रेन ट्यूमर की बढ़ती बीमारी को देखते हुए जरूरी है कि लोग अपनी जीवनशैली में बदलाव करें। कॅप्यूटर और मोबाइल का सीमित उपयोग करें और तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन को अपनाएं। यह न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा बल्कि इस घातक बीमारी से भी बचाएगा।
ब्रेन ट्यूमर की बढ़ती बीमारी को देखते हुए जरूरी है कि लोग अपनी जीवनशैली में बदलाव करें। कॅप्यूटर और मोबाइल का सीमित उपयोग करें और तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन को अपनाएं। यह न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा बल्कि इस घातक बीमारी से भी बचाएगा।
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लक्षणों को न करें नजरअंदाज, जांच कराएं

विशेषज्ञ डॉक्टरों का मानना है कि वर्तमान में इस बीमारी की प्रमुख वजह मानसिक तनाव तो है है, इसके अलावा टीवी, कॅप्यूटर और मोबाइल का रेडिएशन से भी इसके लिए जिमेदार है। तनाव व रेडिएशन वाले साधनों से दूरी बनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक एक दशक पहले तक शहर के अस्पतालों में ब्रेन ट्यूमर के गिने-चुने मामले ही कभी-कभार आते थे। अब इससे जुड़े केस में तेजी आती जा रही है। यह चिंता का विषय है।
डॉक्टरों के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के प्रमुख लक्षणों में लगातार सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी होना और आंख की रोशनी कम होना शामिल है। इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। प्रारंभिक स्टेज में जांच कराने से बीमारी को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं। बेनाइन ट्यूमर और कैंसरयुक्त ट्यूमर। बेनाइन ट्यूमर का पूरी तरह इलाज संभव है, जबकि कैंसर वाले ट्यूमर को भी प्रारंभिक स्तर पर पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। लेकिन सजगता जरूरी है।

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