युवाओं के लिए अच्छा स्कोप- सीए आशुतोष सीए आशुतोष कुमार त्रिपाठी का कहना है कि वर्तमान में सीए सेक्शन में युवाओं के लिए बेहतर स्कोप है। व्यापार जगत में दिनों दिन सीए की डिमांड बढ़ती जा रही है। वर्तमान में जिले में वैसे तो करीब 300 सीए हैं, पर प्रैक्टिस महज 100 ही कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीए बनना इतना आसान भी नहीं है। काफी टफ एग्जाम व कोर्स है, पर एक लक्ष्यीय होकर विद्यार्थी इसमें सफलता हासिल कर सकता है। साथ ही प्रैक्टिकल नॉलेज पर जोर दने की बात कही।
सिंगल विंडो सिस्टम में लालफीताशाही सीए मितेश खत्री का कहना है कि व्यापार व उद्योग के लिए शासन स्तर पर सिंगल विंडो प्रणाली लाना सराहनीय कदम है, पर इसका जिस ईमानदारी से अनुपालन होना चाहिए जो नहीं हो रहा है। वास्तविक रूप से देखा जाए तो सिंगल विंडो सिस्टम को चलाने वाले सरकारी अफसर ही हैं। ये काम को इस प्रकार लटका दे रहे हैं कि इसमें काफी समय लग जा रहा है। यानी पहले जैसे मैनुअल सिस्टम था, वही ढर्रा अभी भी कायम है। लिहाजा शासन स्तर पर ही इसकी बेहतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए, जिससे इस सिस्टम को लाने का मकसद पूरा हो सके। इसके अलावा जीएसटी नंबर लेने व छोड़ने को लेकर भी व्यापारियों को काफी पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। इसका सरलीकरण भी होना जरूरी है। ताकि व्यापारी या उद्योगपति बेधड़क व्यवसाय कर सकें।
जीएसटी के मूल नियम-कायदों को जानना सबके लिए बेहद जरूरी- सीए आशीष सीए आशीष अग्रवाल का मानना है कि वर्तमान में जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर लगभग हर सेवाओं व सामान में की खरीदी-बिक्री में लागू है। लिहाजा इसकी कम से कम प्राथमिक जानकारी जितनी जरूरी व्यापारियों को होनी चाहिए, उससे कहीं ज्यादा इस विषय की जानकारी ग्राहकों को होनी चरहिए। वर्तमान में जीएटी को लेकर होटलों से लेकर कई संस्थानों मनमाना बिल वसूला जाता है। ग्राहकों को इसकी जानकारी होने पर वे कम से कम इसका विरोध कर ठगी से तो बच सकते हैं। शासन स्तर पर भी समय-समय पर लोगों को जागरूक करना जरूरी है।