CG Van Seva Bhartiशासन ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद वन सेवा भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी थी। अब याचिका निराकृत कर दी गई है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब खाली पड़े रेंजर के 49 पदों को वेटिंग लिस्ट के 77 उमीदवारों से भरा जाएगा। याचिका के अनुसार कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2020 में वन विभाग में भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। इसके तहत सीजीपीएससी द्वारा साल 2021 में वन सेवा भर्ती की परीक्षा आयोजित की गई।
CG Van Seva Bharti: मनमानी के आरोप
याचिका में अनुपूरक सूची में दर्ज अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि अधिकारी अपने कुछ विशेष लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में परिवर्तन कर नियम विरुद्ध मनमानी कर रहे हैं। याचिका के अनुसार फिजिकल टेस्ट में फेल हुए अभ्यर्थियों को दोबारा मौका दिए जाने का कोई नियम ही नहीं और ना ही जारी विज्ञापन में इसका प्रावधान था। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट वन सेवा भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और शासन को नोटिस जारी किया था। जवाब में शासन की ओर से कहा गया कि इस बारे में अब फैसला ले लिया गया है कि वन सेवा भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट में फेल हो चुके लोगों को दोबारा मौका नहीं मिलेगा। ज्ञात हो कि भर्ती प्रक्रिया कुल 211 पदों के लिए थी। इसमें से रेंजर के 177 पदों में 128 पद भरे गए तो 49 पद खाली हैं। इसी तरह एसीएफ के 34 पदों में से 32 भरे गए 2 खाली हैं।
वर्ष 2020 में शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया
याचिका के अनुसार कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2020 में वन विभाग में भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। इसके तहत सीजीपीएससी द्वारा साल 2021 में वन सेवा भर्ती की परीक्षा आयोजित की गई। इसके बाद 3 जून 2023 को इस परीक्षा का रिजल्ट सीजीपीएससी द्वारा जारी कर मुय एवं अनुपूरक सूची जारी की गई। इसके बाद प्रधान मुय वन संरक्षण रायपुर कार्यालय में चयनित अभ्यर्थियों का दस्तावेज परीक्षण के बाद 12 सितंबर 2023 को शारीरिक मापदंड परीक्षण लिया गया। बाद में भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी शुरू हो गई। इस गड़बड़ी के खिलाफ बस्तर के योगेश बघेल, मधुसूदन मौर्या, घनश्याम और 6 अन्य लोगों ने याचिका दायर की थी।