ऐसा ही एक मामला शहर के खपरगंज स्कूल में सामने आया है। यहां एक ही भवन में 6 स्कूलों का संचालन होता है। शुक्रवार को बिल्हा एबीओ दीप्ति गुप्ता यहां जांच के लिए पहुंची इस दौरान यहां तीन स्कूलों की प्राइमरी कक्षा संचालित हो रही थीं। एबीओ को रजिस्टर में बच्चों की उपस्थिती 70 दिखाई गई।
लेकिन मौके पर 8 बच्चे ही मिले। इसके बाद तीनों स्कूल की शिक्षिकाएं एक दूसरे पर आरोप लगाने लगीं। शिक्षकों ने एबीओ को बताया कि शासन के आदेश पर बच्चों के सर्वे के दौरान जो फार्म भरा गया था उसे ही स्कूल के रजिस्टर में लिख दिया गया है। बच्चों का केवल नाम है लेकिन न तो उनके माता-पिता का नाम है न ही उनका पता लिखा हुआ है।
इन स्कूलों का एक भवन में संचालन
खपरगंज के इस भवन में 6 स्कूल का संचालन हो रहा है। इसमें 1 निजी तो 5 सरकारी है। यहां खपरगंज प्राइमरी और मिडिल के साथ ही मुन्नुलाल शुक्ला स्कूल को रिवर व्यू रोड़ बनाने के बाद गोड़पारा से हटाकर इसी भवन में प्राइमरी और मिडिल स्कूल का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा एक क्रांति कुमार नामक निजी स्कूल भी यहां है। 5 सरकारी और 1 निजी स्कूल होने के बाद भी यहां बच्चों की दर्ज संख्या 100 से कम है। जबकि शिक्षकों की संख्या 25 से अधिक है।
उर्दू स्कूल का रजिस्टर गायब
एबीओ की जांच के दौरान उर्दू स्कूल के दूसरी क्लास का रजिस्टर मंगाया गया। तब शिक्षकों ने रजिस्टर नहीं दिया। उन्होंने बहाना बनाया कि रजिस्टर नहीं मिल रहा है। उर्दू स्कूल में पहले कक्षा में 2 और तीसरी में 7, चौथी में 10 और 5 वीं में 9 बच्चे बताए गए। जबकि उर्दू स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या एबीओ को 70 बताई गई है। एबीओ ने जांच की तो केवल 8 बच्चे ही स्कूल आए थे।
CG Education News: आपस में भि़ड़ीं शिक्षिकाएं
जांच के लिए पहुंची एबीओ दीप्ति गुप्ता के सामने खपरगंज स्कूल की शिक्षिकाएं आपस में भिड़ गई। एक दूसरे को उंगली दिखाते हुए धमकी देते हुए हाईकोर्ट तक पहुंचने की बात कही।
शिक्षक को तबादले का डर
खपरगंज स्कूल में जांच के लिए एबीओ को भेजा गया था। इस दौरान कुछ शिक्षिकाएं आपस में भिड़ गई थीं। बाद में ये बीईओ कार्यालय पहुंचीं। शिक्षिकाओं को डर है कि कही दर्ज संख्या कम होगी तो उन्हें दूसरे स्कूलों में तबादला कर भेज दिया जाएगा। इसलिए दर्ज संख्या में गलत जानकारी दे रही हैं।