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बिलासपुर

ऐसा कभी भी ठप हो सकता है रेलवे का आरआरआई सिस्टम

इटारसी आरआरआई सिस्टम की तरह बिलासपुर का आरआरआई सिस्टम कभी भी ठप हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो यहां से गुजरने वाली दो…

बिलासपुरJan 02, 2016 / 08:39 am

Kajal Kiran Kashyap

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बिलासपुर. इटारसी आरआरआई सिस्टम की तरह बिलासपुर का आरआरआई सिस्टम कभी भी ठप हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो यहां से गुजरने वाली दो सौ से ज्यादा टे्रनों के पहिए थम सकते हैं। इससे यात्रियों को भारी दिक्कत हो सकती है, रेलवे को करोड़ों का नुकसान होगा सो अलग।

दरअसल यहां आरआरआई सिस्टम की एक्सपायरी डेट समाप्त हो चुकी है। मंडल ने सिस्टम को नया करने के लिए दो बार स्वीकृति मांगी, लेकिन रेलवे बोर्ड से सहमति नहीं मिल सकी है। बिलासपुर में आरआरआई सिस्टम की स्थापना 1989 में हुई थी। इस सिस्टम की अवधि 25 साल की होती है।

इसके बाद सिस्टम के कई पुर्जे कालातीत हो जाते हैं। सिस्टम कभी भी ठप हो सकता है। तय समय पर इसका नवीनीकरण करना जरूरी होता है। लेकिन यहां इस अवधि को समाप्त हुए करीब एक साल से ज्यादा हो चुका है। लेकिन अब तक नवीनीकरण नहीं किया जा सका है।

26 साल से ज्यादा पुराना यह सिस्टम कभी भी ठप पड़ सकता है। बिलासपुर स्टेशन में 200 से ज्यादा यात्री व मालगाड़ी टे्रनों का आवागमन होता है। इससे एसईसीआर सहित अन्य जोन की टे्रनें भी शामिल हैं। अगर यहां आरआरआई सिस्टम प्रभावित हुआ तो बिलासपुर स्टेशन से टे्रनों का आवागमन बिल्कुल बंद हो जाएगा।

यदि कुछ टे्रनें चलें भी तो उन्हें परिवर्तित मार्ग से चलाना पड़ सकता है। इससे कई स्टेशनों के बीच सफर लंबा हो सकता है। इन परिस्थितियों में यात्रियों के साथ-साथ- रेलवे को भी इटारसी की तरह करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सवा करोड़ यात्री होंगे प्रभावित
रिकार्ड के मुताबिक एसईसीआर में प्रतिवर्ष करीब साढ़े 13 करोड़ यात्री सफर करते हैं। इस लिहाज से हर माह एक करोड़ से ज्यादा यात्री आना-जाना करते हैं। केवल बिलासपुर स्टेशन से ही प्रतिदिन करीब 30 हजार यात्री विभिन्न टे्रनों में सफर करते हैं। अगर आरआरआई सिस्टम ठप हुआ तो इसे बनाने में महीने भर का समय लग सकता है। एेसे में एक करोड़ से ज्यादा यात्रियों का सफर प्रभावित होगा।

इटारसी में सिस्टम खराब होने से पड़ा था एसईसीआर पर असर

इटारसी आरआरआई केबिन में 17 जून 2015 को आग लगी। 20 जुलाई को इसे ठीक कर लिया गया। लेकिन इस बीच 167 एक्सप्रेस व 155 पैंसेजर ट्रेनें प्रभावित हुई थीं। एसईसीआर को 1 लाख 16 हजार 900 यात्रियों को 5 करोड़ 74 लाख 31 हजार रुपए से अधिक वापस करना पड़ा था। इसमें केवल बिलासपुर मंडल में ही 55025 यात्रियों को 2 करोड़ 66 लाख 34 हजार से ज्यादा राशि लौटाई गई थी। वहीं रेलवे को इटारसी आरआरआई सिस्टम को बनाने में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने पड़े थे।

बिलासपुर आरआरआई में लग सकते हैं 120 करोड़
बिलासपुर स्टेशन पर नए आरआरआई सिस्टम लगाने में तकरीबन 120 करोड़ रुपए तक खर्च आ सकता है। यहां से पिछले दो साल से इसका प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया, लेकिन इस स्वीकृति नहीं मिली।

क्या है आरआरआई केबिन
इसका पूरा नाम रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम है। आरआरआई केबिन सिग्नल सिस्टम व टे्रनों की चाल पर नियंत्रण रखता है। इसके जरिए केबिन के भीतर बैठकर ही टे्रनों की चाल देखी जा सकती है। ट्रेनों के लाइन अदल-बदल किए जाते हैं।

बिलासपुर के आसपास क्षेत्रों से सैकड़ों टन कोयले की ढुलाई प्रतिदिन होती है। अगर आरआरआई केबिन ठप हुआ तो मालगाडि़यों पर भी इसका असर पडेग़ा। रिजर्वेशन कराने वाले यात्री भी अपना रिफंड लेंगे। इस तरह मालगाड़ी व यात्री टे्रन से रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो सकता है

रेलवे को करोड़ों का होगा नुकसान
सीनियर डीसीएम रश्मि गौतम ने बताया कि नया आरआरआई सिस्टम लगाने का प्रस्ताव रेलवे बार्ड को भेजा जा चुका है, लेकिन स्वीकृति अभी तक नहीं मिली। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू किया जाएगा।

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