इस मामले में पुलिस के दखल के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 304 बी व 34 का अपराध दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। एडीजे कोर्ट दुर्ग ने सुनवाई के बाद नरेंद्र को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने पर उम्रकैद की सजा सुनाई। उसकी बहन पिंकी को भी इसी प्रकरण में कुछ साल की सजा हुई।
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हालांकि परिवार के सदस्य मनोज सोनी सहित अन्य आरोपियों को संलिप्त न पाकर बरी कर दिया गया। नरेंद्र सोनी , पिंकी सोनी ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील प्रस्तुत कर सजा का विरोध किया। जस्टिस गौतम भादुड़ी, जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच में अपील पर सुनवाई हुई।
Bilaspur Crime: कुछ अभियुक्त रिहा होने के आधार को नहीं माना कोर्ट ने
कोर्ट ने पाया कि उपरोक्त गवाहों के बयानों में केवल वर्तमान अपीलकर्ताओं के नाम का उल्लेख किया गया है। कहीं भी अन्य सह-अभियुक्त व्यक्तियों (बरी हुए लोगों) के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए, वर्तमान अपीलकर्ताओं द्वारा दावा किए गए समानता के आधार को स्वीकार नहीं किया जा सकता। परिणामस्वरूप, अपील बिना किसी तथ्य के होने के कारण खारिज कर दी गई है।
Bilaspur Crime: तीन करोड़ से अधिक के गबन में शामिल आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
हाईकोर्ट ने तीन करोड़ से अधिक के गबन के आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। सार्वजनिक विभागीय खाते से तीन करोड़ से ज्यादा की राशि निकालने में आरोपी की भी संलिप्तता पाने पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। दलदल सिवनी मोवा, जिला रायपुर निवासी किशोर कुमार दुबे ने सीआरपीसी की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। अपर सत्र न्यायाधीश, गरियाबंद, ने 29 मई 2024 के आदेश द्वारा इसे खारिज कर दिया। गिरफ्तारी की आशंका पर उसने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
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यह है मामला
रायपुर निवासी गजेंद्र सिंह ध्रुव ने गत 18 मई 2024 को थाना मैनपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनपुर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक 11 अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा कोषागार में बीटीआर, बियरर चेक, नकली मुहर के माध्यम से फर्जी बिल तैयार कर सरकारी राशि का गबन किया गया है।
इसमें आरोपी किशोर भी शामिल है। आरोपी ने निचले कोर्ट से खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में जमानत आवेदन प्रस्तुत कर कहा कि उसको जबरन फंसाया जा रहा है। वह गबन के लिये जिम्मेदार नहीं है।