उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और बिलासपुर के लिए नए नहीं हैं, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने यहां एक प्रोजेक्ट में कार्य किया, फिर सीवी रमन यूनिवर्सिटी (C V Raman University Bilaspur) के कुलसचिव रहे। इन 26 सालों में उन्होंने प्रदेश के विभिन्न इलाकों का भ्रमण और अध्ययन किया। उन्होंने बताया कि जब सीवीआरयू का रजिस्ट्रार रहते हुए राजनीति में आने का निर्णय लिया तो पूरा परिवार इस निर्णय के खिलाफ था। उनके राजनीति में आते ही लोग उनके पीछे पड़ गए, उनके खिलाफ एफआईआर तक कराई गई। परिवार पहले ही उनके इस निर्णय से असहमत था। लगता था क्या हो गया, पता नहीं कब क्या हो जाएगा। ऐसे समय में पत्नी ने साथ दिया। फिर परिवार के अन्य लोग भी सहमत होने लगे। उनकी तैयारी कोटा से थी परंतु पार्टी ने बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से उन्हें प्रत्याशी बनाया। वे विधायक बनकर आए पार्टी में अपमान झेलना पड़ा, उन्हें बैठने के लिए मंच तो दूर कुर्सी तक नहीं दी गई फिर धीरे-धीरे जनता का आशीर्वाद मिला, अब लगता है कि राजनीति में आने का उनका निर्णय गलत नहीं है।
जिस दिन 12 दिसंबर को मतगणना हो रही थी मैं मतगणना स्थल पर ही था मुझे किसी ने कॉल कर कहा कि आपके निवास पर आईटी का छापा पड़ा है। कुछ असंतुष्टों ने पोर्टल पर भी खबरें चलवाई वे व्यथित होकर मतगणना स्थल से घर जाने निकले फिर पत्नी को कॉल किया तब पता चला कि ये सब साजिश है, मन खराब हुआ। फिर परिणाम आया वे विधायक बन गए। उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि कुछ ऐसे विशिष्ट लोग है जिनसे आज तक उनकी नहीं जमी।
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बिलासपुर की ताज़ा ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें सिस्टम जटिल, पटरी पर लाने में लगेगा समयशहर में सीवरेज परियोजना समेत सारी योजनाओं के फेल होने और सिस्टम को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सिस्टम में करप्शन तो है जिसे सुधारने में समय लगेगा। जनता के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
पूर्व सरकार-पूर्व मंत्री ने कागज पर बहाया पानी
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार और पूर्व मंत्री ने अरपा के लिए योजना बनाकर कागज पर पानी बहाया। उन्होंने कहा कि अरपा से जनभावना जुड़ी है। वे इसमें 12 महीने जलभराव रहे इसके लिए प्रयास करेंगे और काम करेंगे।
आगे होंगे ये प्रयास
नगर विधायक ने शहर विकास के लिए उनके विजन के सवाल पर कहा कि अरपा और शहर को स्वच्छ बनाना उनकी प्राथमिकता है। इसके अलावा उन्होंने स्कूली और उच्चशिक्षा पर जोर देने, कोचिंग संस्थानों की शिक्षा गुणवत्ता लाने के लिए प्रयास करने और युवाओं को कौशल उन्नयन से जोडकऱ उन्हें रोजगार व स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर बड़े उद्योगों में उनके लिए अवसर बनाने के लिए प्रयास करने की बात कही।