पंडितों के अनुसार भौमवती अमावस्या पर हनुमानजी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इन पर्व पर बजरंगबली की पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं साथ ही पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। साल के आखिरी महीने दिसंबर में मार्गशीर्ष मास की अमावस्या है। साल की यह आखिरी अमावस्या 12 दिसंबर दिन मंगलवार को है। इस पितरों के साथ ही हनुमानजी की भी पूजा की जाएगी। ऐसा करने से आपकी कुंडली से मंगल दोष कम होते हैं और पितृ दोष में भी लाभ होता है। भौमवती अमावस्या के दिन दान पुण्य व पूजापाठ करने से नकारात्मक शक्तियों का भी नाश होता है।
पितरों का मिलेगा आशीर्वाद अमावस्या तिथि को कर्ज से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही खास और शुभ माना जाता है। इस दिन पूजापाठ और दान से व पवित्र नदी में स्नान करने से आपको पुण्य की प्राप्ति होती है और आपके आर्थिक कष्ट दूर होते हैं। विष्णु पुराण में बताया गया है कि मंगलवार की अमावस्या का व्रत करने से आपको हनुमानजी ही नहीं बल्कि सूर्य, अग्नि, इंद्र, रुद्र, अष्टवसु, पितर, अश्विनी कुमार और ऋ षियों का भी आशीर्वाद मिलता है। आप अपना कर्ज उतारने में सफल होते हैं। कर्ज से मुक्ति पाने के लिए इस दिन ऋ णमोचक मंगल का पाठ करने से आपको विशेष लाभ होगा।
शुभ मुहूर्त पं. जगदानंद झा ने बताया कि मार्गशीर्ष मास की अमावस्या 12 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से आरंभ होगी और 13 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 14 मिनट से लेकर 6 बजकर 43 मिनट तक है और उसके बाद तर्पण का शुभ मुहूर्त दोपहर में 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक है।
अगहन का दूसरा गुरुवार आज, होगी महालक्ष्मी की आराधना अगहन माह में गुरुवार का अत्यधिक महत्व है। मान्यता है कि महालक्ष्मी की पूजा करने सेे धन की कमी नहीं होगी। परम्परानुसार पूजा करने से पहले अपना मुंह 16 बार धोएं, 16 लड़ियों वाली एक डोरी बनाएं, मंडप को केले के पत्ते और आंवले से सजाएं और दीपक जलाएं। दोपहर के समय चावल के पकवान का भोग लगाएं। शाम को आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें। अब 28 नवंबर से शुरू अगहन महीने में भगवान विष्णु की पत्नी महालक्ष्मी की पूजा की परंपरा निभाई जा रही है। अगहन माह के सभी गुरुवार को घर-घर को रंगोली से सजाकर सुबह से शाम तक तीन बार महालक्ष्मी की पूजा की जाएगी। घर के प्रवेश द्वार से पूजा स्थल तक चावल के आटे से मां लक्ष्म के पैरों के निशान बनाएं।