भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा प्रथम किश्त के रूप में चार लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। वहीं द्वितीय किश्त तीन लाख रुये की होगी। तृतीय किश्त में दो लाख रुपये एवं चतुर्थ किश्त में पचास हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। वहीं पचास हजार रुपये का प्रावधान प्रकाशन मद हेतु किया गया हैष शोध परियोजना का उद्देश्य बैगा जनजाति समुदाय की महिलाओँ एवं पुरुषों का जमीन एवं जमीन पर आधारित संसाधनों के साथ संबंध का पता लगाना, छत्तीसगढ़ में रह रहे बैगा जनजाति समुदाय के जीवन एवं रहन-सहन की विवेचना, बैगा महिलाओँ के सशक्तिकरण एवं जमीन आधारित आजीविका शामिल है।