छानबीन में जानकारी मिली कि गिन्नी जांगड़े ने नशे के कारोबार से लाखों रुपए कमाए हैं। इससे उसने जगह-जगह चल-सम्पत्ति भी खरीदा है। पूछताछ में पता चला कि गोदावरी जांगड़े कई साल से नशे का अवैध कारोबार कर रही थी। जांच पड़ताल के बाद महिला तस्कर की 35 लाख रुपए से अधिक की सम्पत्तियों को 15 दिसंबर को जब्त किया गया। साथ ही सफेमा कोर्ट मुंबई को प्रतिवेदन भेजा गया। पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने बताया कि सफेमा कोर्ट मुंबई ने 2 जनवरी को एनडीपीएस एक्ट की धारा 68 एफ (2) के तहत फ्रिजिंग आर्डर पर मुहर लगा दिया है।
क्या होता है सफेमा एक्ट
तस्करी के मामले में फरार आरोपियों के खिलाफ सफेमा (स्मगलर्स एंड फॉरेन एक्सचेंज मैनुपुलेटर्स एक्ट-1976) के तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें फरार आरोपियों की संपत्ति की जांच कर स्थानीय अधिकारी मुंबई स्थित सफेमा कोर्ट में प्रकरण प्रस्तुत करते हैं। इसमें 10 साल के अंदर आरोपी द्वारा खुद के या फिर उसके दोस्त या फिर रिश्तेदारों के नाम से एकत्र संपत्ति की जांच की जाती है। अधिक संपत्ति होने पर कोर्ट संबंधित को नोटिस जारी करती है। संबंधित को कोर्ट में उपस्थित होकर संपत्ति की जानकारी देना होती है। यदि वह ऐसा नहीं करता तो उसकी संपत्ति जब्त कर विक्रय की जाती है।