बिलासपुर

अटल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को नहीं मिल रही डीजी लॉकर की सुविधा

बिलासपुर.विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विद्यार्थियों के लिए शुरू की गई डीजी लॉकर सुविधा का अटल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को लाभ नहीं मिल रहा है। एक साल पहले यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने विद्यार्थियों की अंकसूची वेबसाइट पर अपलोड करना शुरू किया था, लेकिन अब तक प्रबंधन सिर्फ वर्ष 2017 की शिक्षा सत्र की अंकसूचियां ही अपलोड कर पाया है।

बिलासपुरAug 24, 2022 / 09:06 pm

KAMLESH RAJAK

atal bihari univercity bilaspur

एक वर्षपूर्व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी कर बताया था कि राष्ट्रीय शैक्षणिक निक्षेपागार शैक्षणिक संस्थानों द्वारा डिजिटल प्रारूप में तैयार किए गए शैक्षणिक प्रमाण पत्रों (डिग्री, अंक-तालिका व अन्य दस्तावेजों) का एक ऑनलाइन भंडार है। यह विद्यार्थियों को किसी भी भौतिक हस्तक्षेप के बिना कभी भी, कहीं भी अपने मूल जारीकर्ताओं से सीधे डिजिटल प्रारूप में प्रामाणिक दस्तावेज और प्रमाण पत्र प्राप्त करने की सुविधा देता है।भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (एनएडी ) को एकल डिपॉजिटरी डिजिलॉकर के सहयोग से किसी भी उपयोगकर्ता शुल्क के बिना स्थायी योजना के रूप में लागू करने के लिए अधिकृत किया है। शैक्षणिक संस्थान डिजिलॉकर (एनएडी ) पोर्टल के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं और फिर अपने संस्थान के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों को उस पर अपलोड कर सकते हैं।
आईटी एक्ट 2000 के तहत वैध दस्तावेज

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की डिजिलॉकर पोर्टल में जारीकर्ता के माध्यम से अपलोड किए जाने के बाद छात्र अपने डिग्री, मार्क -शीट और अन्य दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक रूप में अपने डिजिलॉकर खाते में प्राप्त कर सकते हैं | डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध ये इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अनुसार वैध दस्तावेज हैं।
दस्तावेज मान्य करने का फरमान

यूजीसी ने देश भी के विश्वविद्यालयों को आदेश जारी कर (एनएडी ) कार्यक्रम के संवर्धन के लिए डिजिलॉकर खाते में

जारी किए गए दस्तावेजों में उपलब्ध डिग्री, अंक-तालिका और अन्य दस्तावेजों को वैध दस्तावेजों के रूप में मान्य करने का आदेश दिया है।
एक साल में 5 सत्र की अंकसूचियां ही अपलोड

अटल वाजपेयी यूनिवर्सिटी की स्थापना सन 2012 में हुई थी। इस हिसाब से वर्ष 2012 शिक्षा सत्र से लेकर अब तक शिक्षा सत्र तक के वर्ष वार विद्यार्थियों की आंकसूचियां पोर्टल पर अपलपोड की जानी है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने 1 साल पहले अंकसूूचियों को अपलोड करने का काम शुरू किया था, लेकिन एक साल में यूनिवर्सटी प्रबंधन वर्ष 2017 तक के सत्र की अंकसूचियां ही अपलोड कर पाया है। ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रबंधन को शेष 5 शिक्षा सत्रों की अंकसूचियां अपलोड करने में 1 साल और लग जाएंगे।
विद्यार्थी लगा चुके गई बार गुहार

डीजी लॉकर की सुविधा नहीं मिलने के कारण विद्यार्थियों में खासी नाराजगी है। दूसरे राज्य जाने पर अटल यूनिवर्सिटी से संबंधित दस्तावेज डीजी लॉकर से उपलब्ध नहीं होने पर विद्यार्थियों को प्रवेश और नौकरियों के मौकों पर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाने पर न आवसरों से हाथ धोना पड़ रहा है। विद्यार्थी कई बार डीजी लॉकर की सुविधा मुहैया करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन इसे अब तक पूरा नहीं कर पाया है।
एक शिक्षा सत्र में करीब 50-60 हजार विद्यार्थियों की अंकसूचियां हैं और वर्ष 2012 से अब की अंकसूचियों को अपलोड करने का काम जारी है। बीच में कुछ दिक्कतें आई थीं इसलिए अपलोड करने का काम प्रभावित हुआ था। वर्तमान में वर्ष 2017 शिक्षा सत्र तक की अंकसूूचियां अपलोड की जा चुकी है। शेष सत्रों की अंकसूचियां जल्द अपपलोड कर ली जाएंगी।
डॉ. प्रवीण पांडेय

परीक्षा नियंत्रक, अटल यूनिवर्सिटी

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