15 जनवरी को संक्रांति इस वजह से… इस बार 14 व 15 जनवरी दो दिन मनाया जाएगा पर्व होगी पतंगबाजी पर्व पर पतंगबाजी की भी प्राचीन परंपरा रही है। लिहाजा बच्चे, युवा, वरिष्ठजन सभी स्वच्छानुसार पतंगबाजी कर पर्व की खुशियां आपस में बांटेंगे। इस अवसर पर मुख्य रूप से जूना बिलासपुर, कतियापारा, टिकरापारा, गोंड़पारा, कुदुदंड, मंगला सहित शहर के अन्य स्थानों में पतंगवाजी देखने को मिलेगी।
यू तों मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है इस लिहाजा से रविवार को पर्व मनाएंगे। जबकि ज्योतिषवि पंडित ओंकार अग्निहोत्री व पंडित जानकीशरण मिश्र के अनुसार 15 जनवरी को सूर्य देव रात 02. 54 मिनट पर धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अत: सोमवार को पर्व मनाना उचित होगा। अवसर पर शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा
मकर संक्रांति पर्व पर भोर होते ही श्रद्धालु नदी-तालाबों या फिर घरों में ही स्नान-ध्यान से पर्व की शुरुआत करेंगे। इस दिन तिल का विशेष महत्व है, अत: जल में तिल डाल कर स्नान किया जाएगा। इसी क्रम में सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद विधिवत मंत्रोपचार के साथ पूजा-अर्चना की जाएगी। भास्कर को तिल से बने पकवान लड्डू, पापड़ी अर्पित किया जाएगा और फिरी प्रसाद के रूप में उसे ग्रहण भी किया जाएगा। पर्व पर तिल डली खिचड़ी खाने का भी महत्व है, अत: घर-घर खिचड़ी का लुत्फ उठाते हुए पर्व मनाया जाएगा।