सूरज टाकीज में खाली पड़ी अधिकांश कुर्सियों को देख कहा कि कार्यकर्ता को लेकर आने का काम नेता का होता है। जब नेता ही कार्यकर्ता से नहीं जुड़ेगा तो कार्यकर्ता कहां से आएगा।
रंधावा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय बीकानेर जिले में तीन-तीन मंत्री थे। विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जीतकर नहीं आए। उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को नसीहत दी कि कांग्रेस को जिंदा रखना है तो अनुशासन में रहना सीखों। अब परिवारवाद नहीं, वर्करवाद चलेगा।
उन्होंने मंच पर बैठे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे डॉ. बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी और गोविन्दराम मेघवाल समेत वरिष्ठ कांग्रेसियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जिलाध्यक्ष से ब्लॉक और मंडल अध्यक्ष तक आपके कहने पर नियुक्त किए। ऐसे में विधानसभा चुनाव में हार के लिए कार्यकर्ताओं नहीं आप नेता जिम्मेदार हैं।
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा आगामी लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं को जीन-जान से जुट जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव देश और लोकतंत्र के लिए अहम है। केन्द्र की मोदी सरकार लोकतंत्र को खोखला कर रही है। ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग खुलेआम हो रहा है।
कार्यकर्ताओं की कम संख्या पर उखड़े डोटासरा
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने संवाद कार्यक्रम में पांच सौ से भी कम लोगों के पहुंचने पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यदि कोई पदाधिकारी पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम नहीं कर सकता तो, सीट छोड़ दें। ताकि किसी नए कार्यकर्ता को मौका दिया जा सके।
डोटासरा ने बीकानेर शहर और देहात कांग्रेस अध्यक्षों से कहा कि जिला कार्यकारिणी में 144 पदाधिकारी हैं। जो पदाधिकारी नहीं आए हैं, उनके नाम की सूची बनाकर देंवे। उन्हें हटाकर किसी कार्यकर्ता को मौका दिया जाएगा। साथ ही चेताया कि इसमें अध्यक्षों ने कोताही बरती तो उनकी भी चिट्ठी निकल जाएगी।