राजस्थान में सड़क हादसे थम नहीं रहे हैं। हादसों में सबसे बड़ा कारण तेज गति व किसी न किसी तरह का नशा कर वाहन चलाना सामने आ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक 100 में से 78 हादसे ओवरस्पीड व नशे के कारण हो रहे हैं। सरकार ने नशे में वाहन चलाने और तेज गति वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए परिवहन विभाग को साधन संपन्न बनाने का फैसला किया है। इसके लिए प्रदेश के सभी क्षेत्रीय प्रादेशिक परिवहन कार्यालयों को एक-एक इन्टरसेप्टर गाड़ी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं।
यह गंभीर बात
वर्तमान में 100 में से 78 हादसे ओवरस्पीड के कारण हो रहे हैं। बीकानेर रेंज में वर्ष 2024 में 1382 सड़क हादसे हुए, जिसमें 1317 लोग घायल हुए और 823 लोगों की जान गई। 1382 हादसों में से करीब 943 हादसे तेज गति और किसी न किसी तरह का नशा कर वाहन चलाने से हुआ।
ओवरलोड और ओवरस्पीड गंभीर समस्या
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, हादसों पर अंकुश तभी लगेगा जब नियमित और निष्पक्ष कार्रवाई होगी। परिवहन, खनन और पुलिस मिलकर काम करेंगे। ओवरलोड और ओवरस्पीड के तहत सख्त कार्रवाई और मोटा जुर्माना होगा।
वाहनों की गति पर ब्रेक लगाना जरूरी
वाहनों की तेजगति से हादसे हो रहे हैं। वाहनों की गति पर ब्रेक लगाना जरूरी है। इसके लिए इन्टरसेप्टर वाहन की जरूरत है। मुख्यालय को इन्टरसेप्टर गाड़ी के प्रस्ताव भिजवाए गए हैं।
अनिल पण्डया, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, बीकानेर
टोल नाकों पर करेंगे चेकिंग
तेज गति व नशे में वाहन चलाने वालों पर सख्ती करने के लिए पुलिस व परिवहन विभाग मिल कर नई व्यवस्था कर रहा है। दोनों विभाग नेशनल और राजमार्ग पर स्थापित टोल नाकों के सहयोग से वाहनों की ओवरस्पीड पर ब्रेक लगाएंगे। एक टोल से दूसरे टोल तक की दूरी को टाइमिंग से मिलान करेंगे। वाहनों के ई और मैन्युअल चालान करेंगे।