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झोलाछाप में हड़कंपक्षेत्र में दर्जनों ऐसे झोलाछाप बैठे हैं, जो गांवों में भोले-भाले लोगों को अपने आप को डॉक्टर बताकर उनका इलाज करते हैं। इसकी एवज में उनसे मोटी रकम भी वसूलते हैं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं होने से ये बेखौफ होकर अपनी दुकानदारी चलाते रहते हैं। गुरुवार को नोखा में हुई इस कार्रवाई के बाद झोलाछाप में हड़कंप मच गया, कुछ दुकान बंद कर चले गए, तो कुछ भूमिगत हो गए।
अवैध निजी अस्पताल पर कार्रवाई करने वाली टीम में बीसीएमओ डॉ. गहलोत, नायब तहसीलदार नरसिंह टांक, ड्रग इंस्पेक्टर राजेश मीणा, एएनएम सुशीला सहित पुलिस जाब्ता शामिल रहा।
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इलाज करने वाली भी नहीं प्रशिक्षितशहर में अवैध रुप से संचालित हो रहे इस निजी अस्पताल में कार्रवाई के दौरान मौके पर एक महिला वार्ड में भर्ती मरीज का इलाज करते हुए मिली। उसने अपना नाम संतोष देवी बताया और पूछने पर उसने अपने आपको नर्सिंग प्रशिक्षित होना बताया, लेकिन मौके उसके पास किसी तरह की नर्सिंग डिग्री संबंधित दस्तावेज नहीं मिले।
बीसीएमओ डॉ. गहलोत ने बताया कि इस निजी क्लिनिक पर कोरोना काल के समय भी कार्रवाई हो चुकी है। उस समय यह दूसरी बिलडिंग में चौधरी हॉस्पीटल के नाम से चलता था। वहां से बंद करने के बाद बालाजी क्लिनिक एवं जनरल स्टोर के नाम से संचालित किया जा रहा था।