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बीकानेर

#KabMilegiJaharSeMukti: खेतों के ज़रिये शरीर में उतरता ज़हर, सब्जियों पर 25 फीसदी बढ़ा कीटनाशकों का छिड़काव

सब्जी उत्पादक किसान धड़ल्ले से कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। बीकानेर संभाग में गत एक दशक में सब्जियों पर कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल 25 प्रतिशत बढ़ा है।

बीकानेरMay 14, 2017 / 02:42 pm

dinesh kumar swami

Pesticide drug on vegetables

Pesticide drug on vegetables

सब्जी उत्पादक किसान धड़ल्ले से कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। बीकानेर संभाग में गत एक दशक में सब्जियों पर कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल 25 प्रतिशत बढ़ा है। एक दशक पहले तक व्यापारिक फसलों पर ही कीटनाशकों का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता था। बाईट एक दशक में सब्जियों पर इस्तेमाल ज्यादा किया जाने लगा है। 
अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में सालाना 1000 करोड़ रुपए की कीटनाशक का कारोबार हो रहा है। इसका बड़ा हिस्सा बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर जिले खपत हो रहा है। इसके इस्तेमाल के मामले में देश के दस सबसे अधिक खपत वाले राज्य की सूची में राजस्थान भी शामिल है। एंसेक्टिसाइड इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बैंगन पर जहां कोराजोन कीटनाशी और भिंडी पर इमिडाक्लोप्रिड दवा के छिड़काव से फसलें जहरीली हो रही हैं। 


सेहत से खेलता ज़हर

विश्व बैंक के अनुसार दुनिया में 25 लाख लोग प्रतिवर्ष कीटनाशकों के दुष्प्रभावों के शिकार होते हैं, जिसमें से 05 लाख लोग काल के गाल में समा जाते हैं। फसलों में कीटनाशकों का बढ़ता हुआ प्रयोग क्या कहर बरपा रहा है। एक समय था जब घर में भोजन बनते ही सारा घर महक उठता था। लेकिन अब स्वाद में बहुत अंतर आ गया है। 
क्या कारण है कि धीरे धीरे अनाज एवं सब्जियों में से स्वाद लुप्त होता जा रहा है। कृषि रसायनों ने हमारी मिट्टी, पानी, हवा और सम्पूर्ण पर्यावरण को प्रदूषित कर दिया है। सबसे गंभीर प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर हुए हैं। माना जाता है कि अंधाधुंध रासायनिक खाद और कीटनाशी का फसल पर उपयोग से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है 
लेकिन पैदा होने वाली फसल या सब्जियां पौष्टिक और जहर रहित होगी इसकी गारंटी नहीं है। सरकार भी किसानों को वैज्ञानिक ढंग से खेती करने की सलाह देती है, लेकिन इस वैज्ञानिक विधि का अर्थ सिर्फ और सिर्फ रासायनिक खाद और कीटनाशकों के इस्तेमाल तक ही सीमित होता जा रहा है।

आंख खोलती रिपोर्ट 
अमेरिका में हुए अनुसन्धान पाया गया है जब कीटनाशी का पेड़-पौधों, सब्जियों और फलों पर छिड़काव किया जाता है, तो इन रसायनों की 01 % मात्रा ही सही लक्ष्य तक प्रभावी हो पाती है, शेष 99 % रसायन पर्यावरण को प्रदूषित करता है। एक अनुमान के मुताबिक देश में फसलों पर हर वर्ष 25 लाख टन पेस्टीसाइड का प्रयोग होता है। इस प्रकार हर वर्ष 10 हजार करोड़ रुपए खेती में इस्तेमाल होने वाले पेस्टीसाइडों पर खर्च हो जाते हैं।

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