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बीकानेर

शराब ठेकेदारों को छूट, मजे से करो लूट

जिले में शराब तस्करी के साथ-साथ शराब ठेकेदार आबकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। आबकारी विभाग मानव संसाधन समेत अन्य संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में शराब ठेकेदार रात आठ बजे बाद भी शराब खुलेआम बेच रहे हैं।

बीकानेरMay 23, 2024 / 08:42 am

Jai Prakash Gahlot

बीकानेर. जिले में शराब तस्करी के साथ-साथ शराब ठेकेदार आबकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। आबकारी विभाग मानव संसाधन समेत अन्य संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में शराब ठेकेदार रात आठ बजे बाद भी शराब खुलेआम बेच रहे हैं। आबकारी विभाग सब कुछ जानते हुए आंखें मूंद कर बैठा है। नतीजा यह है कि पिछले साढ़े चार महीने में तय समय बाद शराब बेचने की महज दो कार्रवाई की गई। अधिकारी स्टाफ व संसाधनों का रोना रोकर कार्रवाई से बच रहे हैं। इसका फायदा शराब ठेकेदार उठा रहे हैं। 
जिले में आबकारी विभाग के शराब तथा अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए पांच सर्किल बनाए गए हैं। बीकानेर में आबकारी निरोधक दल के लिए 101 पद स्वीकृत किए गए, जिसमें से 53 कार्यरत हैं। वर्तमान में 48 पद खाली पड़े हैं।  प्रहराधिकारी प्रथम के दो स्वीकृत पद में से एक, प्रहराधिकारी द्वितीय के सात स्वीकृत पद में से तीन, जमादार प्रथम श्रेणी के चार में से तीन, जमादार द्वितीय श्रेणी के 10 में से आठ एवं सिपाही के 66 पदों में से 27 पद खाली पड़े हैं। 

केवल 14 हथियार, किराए पर वाहन 

आबकारी विभाग में अधिकारियों के पास 12 रायफल और दो रिवाल्वर हैं। आबकारी के पांच थाने हैं। जिला आबकारी अधिकारी के पास सरकारी वाहन है। इसके अलावा चार सर्किल में एक-एक जीप है। चार सर्किल में से तीन सर्किल में किराए पर जीप उपलब्ध कराई हुई है। आबकारी के पास कोई हथियार नहीं है। आबकारी निरोधक दल के पास सात जीप हैं।

यह हो रहा नुकसान

  • जिले में अवैध रूप से हो रही शराब की बिक्री पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। 
  • ढाबों और होटलों पर खुलेआम तस्करी कर लाई गई शराब की बिक्री हो रही है। 
  • जिले में खुले ठेकों से भी चोरी छिपे दूसरे प्रांतों की शराब बेची जा रही है। 
  • अवैध शराब की बिक्री बढ़ने से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।

मैनपावर की कमी से जूझ रहा महकमा

आबकारी विभाग में साधन-संसाधन पर्याप्त हैं, लेकिन मैनपावर की कमी है। इसके चलते व्यवस्थाओं को सुचारु चला पाना मुश्किल होता है। आबकारी सर्किलों में सरकारी वाहन नहीं होने से किराए पर उपलब्ध कराए गए हैं।-मोहनराम पूनिया, जिला आबकारी अधिकारी

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