सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, बीकानेर ने इस दिशा में नवाचार करते हुए अब मेडिकल की पढ़ाई कर रहे सभी वर्गों के छात्रों के लिए एक समान रूप से यह व्यवस्था लागू कर दी है। सभी वर्गों के अध्ययनरत और इंटर्न विद्यार्थी पढ़ाई के लिए पुस्तकें इश्यू करा कर घर ले जा सकेंगे। कॉलेज प्रशासन का दावा है कि यह पहल करने वाला एसपीएमसी पूरे प्रदेश का इकलौता मेडिकल कॉलेज है। हालांकि, विद्यार्थियों को पुस्तक इश्यू कराते समय कुछ शर्तों के साथ बांधा भी गया है।
प्रदेश में पहली बार… जब से मेडिकल कॉलेज (एसपीएमसी) की स्थापना हुई थी, तब से लेकर अब तक 25 प्राचार्य आ चुके हैं। बताया जाता है कि यह मसला कई बार कॉलेज प्रशासन के समझ उठा, लेकिन प्रशासन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका। जानकारी के मुताबिक, पूरे प्रदेश में चूंकि एक ही व्यवस्था थी, जिसमें मेडिकल कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों में से सिर्फ एससी-एसटी वर्ग का विद्यार्थी ही घर के लिए पुस्तकें इश्यू करा सकता था, बाकी किसी भी वर्ग को यह छूट नहीं थी।
लिहाजा, प्रशासन नवाचार करने में हिचक रहा था। कॉलेज के 26वें प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने कार्यभार संभालने के बाद से ही इस दिशा में होमवर्क शुरू किया। गाइडलाइन से लेकर पुस्तक इश्यू करने तक की सारी शर्तों पर सहयोगियों के साथ माथापच्ची की। इसके बाद नवाचार करने का फैसला लिया। इसके तहत उन्होंने एससी-एसटी वर्ग के विद्यार्थियों के साथ-साथ सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को भी कॉलेज से बाहर किताबें जारी करने की छूट दी है।
लाइब्रेरी में हैं इतनी पुस्तकें
कॉलेज की लाइब्रेरी में फिलहाल मेडिकल विद्यार्थियों के पढ़ने के लिए विभिन्न विषयों की करीब 30 हजार पुस्तकें अलमारियों की शोभा बढ़ा रही हैं। इस लाइब्रेरी में समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार किताबों की खरीद भी की जाती है। अंतिम खरीद सन 2023 में की गई थी। इस वर्ष भी खरीद के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है।
पहले लाइब्रेरी तथा रीडिंग रूम में बैठ कर पढ़ते थे
सामान्य वर्ग एवं ओबीसी वर्ग के विद्यार्थी कॉलेज से बाहर पुस्तकें ले जाने के प्रतिबंध के चलते परीक्षा के दौरान भी लाइब्रेरी तथा रीडिंग रूम में बैठ कर पढ़ते थे। जानकारी के मुताबिक, इस समय कॉलेज की सभी कक्षाओं को मिला कर 1250 विद्यार्थी-इंटर्न अध्ययनरत हैं। इसमें से 28 प्रतिशत एसटी-एससी वर्ग के तथा 72 प्रतिशत सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के हैं।
इन शर्तों का पालन जरूरी
-एक विद्यार्थी को एक पुस्तक 30 दिन के लिए जारी की जाएगी। समय अवधि समाप्त होने के बाद नहीं लौटाने पर 10 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा।- पुस्तक के गुम हो जाने पर पुस्तक की वर्तमान दर से वसूली जाएगी। -प्रत्येक छात्र को एक समय में एक पुस्तक जारी की जा सकेगी। पुरानी पुस्तक लौटाने पर ही दूसरी पुस्तक मिलेगी।- कटने-फटने व निशान लगाने पर 1000 रुपए जुर्माना एवं पुस्तक के मूल्य के बराबर शुल्क वसूला जाएगा।
ऐसी व्यवस्था सिर्फ बीकानेर में
कॉलेज में अध्यनयरत सभी वर्ग के विद्यार्थियाें को नियमानुसार पुस्तक दी जाएगी। पहले सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के विद्यार्थी को लाइब्रेरी से बाहर पुस्तक ले जाने की मनाही थी। गत दिनों यह फैसला किया गया है कि सभी वर्ग के विद्यार्थियों को इसका लाभ दिया जाए। ताकि विद्यार्थियों में समानता का भाव रहे और अध्ययन भी बराबर रहे। – डॉ. गुंजन सोनी, प्राचार्य एवं नियंत्रक एसपीएमसी