होगा त्रिवेणी महायज्ञ महाकुभ के दौरान राम झरोखा कैलाश धाम की ओर से खालसा स्थल पर विराट त्रिवेणी महायज्ञ का आयोजन 23 से 29 जनवरी तक किया जाएगा। वहीं खालसा स्थल पर 10 जनवरी से 12 फरवरी तक नित्य अखण्ड कीर्तन, राम नाम एवं अखण्ड भण्डारा का आयोजन होगा।
144 साल बाद दुर्लभ संयोग संत सरजूदास महाराज के मुताबिक, महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि इसमें खगोलीय घटनाओं का भी गहरा प्रभाव माना जाता है। कुंभ मेले के चार प्रकार होते हैं। कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ और महाकुंभ। इसका आयोजन तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और गुरु ग्रह विशिष्ट खगोलीय स्थिति में होते हैं। इस अवधि में गंगा, क्षिप्रा, गोदावरी और संगम जल विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। महाराज के अनुसार जब गुरु ग्रह बृहस्पति वृषभ राशि में और ग्रहों के राजा मकर राशि में होते हैं, तो महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया जाता है। इस साल महाकुंभ खास है, क्योकि महाकुंभ हर 12 साल के बाद आता है और इस साल 12-12 के पूरे बारह चरण पूर्ण हो रहे हैं। जिसकी वजह से 144 साल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है। यह महाकुंभ इसलिए खास होता हैं, क्योंकि ग्रहों की स्थिति, तिथि और हर एक गतिवधि अनुकूल होती है और एक दुर्लभ संयोग बन जाता है।
निकलेगी शोभायात्रा प्रयागराज महाकुभ में बीकानेर से हजारों श्रद्धालु पहुंचेंगे। इस दिव्य आयोजन से पूर्व 4 जनवरी को शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा रामझरोखा कैलाशधाम आश्रम से रवाना होगी व गंगाशहर मुय बाजार, गोपेश्वर बस्ती, मोहता सराय, हरोलाई हनुमान मंदिर, नत्थूसर गेट , गोकुल सर्किल, नयाशहर थाना रोड,जस्सूसर गेट रोड, चौंखूटी आरओबी, मुय डाकघर, केईएम रोड, मॉर्डन मार्केट, अबेडकर सर्किल होते हुए मेजर पूर्ण सिंह सर्किल पहुंचकर संपन्न होगी।