मंत्री की डिजायर को तवज्जो नहीं
शिक्षा विभाग में स्थानांतरण में इस बार मंत्री व विधायक की डिजायर को भी शिक्षामंत्री ने तवज्जो नहीं दी है। एेसे में स्थानीय मंत्री व विधायक भी नाराज हैं। मंत्रियों व विधायकों ने जिन शिक्षकों की डिजायर ली थी, वे उनके घर रिश्तेदारों तथा पार्टी के पदाधिकारियों को लेकर पहुंच रहे है और स्थानांतरण नहीं होने पर नाराजगी जता रहे हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से स्थानांतारण प्रक्रिया में लागू नए नियमों से पिछले लम्बे समय से तबादले का इंतजार कर रहे प्रधानाचार्य व व्याख्याता ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इस प्रक्रिया के तहत विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि स्थानांतरित व्याख्याता व प्रधानाचार्य वर्तमान विद्यालय से कार्यमुक्त होकर नए विद्यालय में पदभार ग्रहण करके ही परिवेदना विभाग को दे सकते हैं।
विभाग की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पर भी अंगुली उठने लगी है। जिन प्रधानाचार्यों व व्याख्याताओं ने स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन नहीं किया, उनका भी गृह जिले से बाहर स्थानांतरण कर दिया है। इसको लेकर भी विरोध के स्वर उभरने लगे हैं।
सरकार ने ३० सितंबर तक ही तबादले करने की घोषणा की थी, इसके बावजूद सैकड़ों प्रधानाचार्य एवं व्याख्याताओं की स्थानांतरण की सूचियां बैकडेट में निकाली जा रही हैं। इसको लेकर पूरे शिक्षा विभाग में चर्चा है।
केस : 1
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय गुरुद्वारा, रानीबाजार में जीव विज्ञान की व्याख्याता अनुबाला का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गूंगा (बाड़मेर) में स्थानांतरण किया है। अनुबाला विधवा हैं, जो यहां करीब दो साल से कार्यरत थीं।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जामसर में अंग्रेजी की व्याख्याता ऋचा रावल को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भानुदा, रतनगढ़ (चूरू) लगाया है। ऋचा एकल महिला हैं। स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं किया था। इस स्कूल में करीब २२ साल से कार्यरत थीं। दूसरे जिले में स्थानांतरण करने से उन्हें परेशानी होगी।