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दशकों पुरानी बहियों में उल्लेख
शहर में लोगों के पास लक्ष्मी पूजन के दौरान दशकों पूर्व लिखी गई बहिया आज भी संभाल कर रखी हुई हैं। कीकाणी व्यास निवासी ब्रजेश्वर लाल व्यास बताते हैं कि लक्ष्मी पूजन के दौरान नगर सेठ लक्ष्मीनाथ का भी ल्लेख होता है। लक्ष्मी पूजन की बही में महालक्ष्मी, महाकाली, महा सरस्वती सहित दीपावली पूजन के दिन, वार, संवत, मुहूर्त आदि की जानकारी भी बही में लिखी जाती है।
पत्र से पूजन की जानकारी
शहर में लक्ष्मी पूजन की जानकारी पत्र, पोस्टकार्ड आदि के माध्यम से भी भेजने की परंपरा रही है। बारह गुवाड़ चौक निवासी ईश्वर महाराज बताते हैं कि पहले लक्ष्मी पूजन के प्रिंटेड पत्र भी मिलते थे। लोग उसमें जानकारी भरकर अपने रिश्तेदारों को भेजते थे। पोस्टकार्ड के माध्यम से भी लक्ष्मी पूजन की जानकारी भेजने का चलन था। आधुनिक युग में यह परंपरा लगभग बंद हो गई है।
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बड़ी संख्या में बही, कलम, दवात की बिक्री
दीपावली पर बही लेखन की परंपरा के चलते हर साल लक्ष्मी पूजन सामग्री में कलम, दवात, बही आवश्यक रूप से शामिल होते हैं। हर घर में लक्ष्मीजी की तस्वीर के साथ लोग बही, कलम, दवात की खरीदारी करते हैं। बही का चलन व उपयोग अब कम होने के कारण लोग रजिस्टर, डायरी, कॉपी, बॉल पेन की खरीदारी कर रहे हैं।