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बीकानेर

सजे पंडाल, प्रतिमाएं विराजित, गूंज रहे पाठ व मंत्र

श​क्ति की उपासना के पर्व नवरात्र में दुर्गा पूजा महोत्सव का आगाज हो गया है। गली-मोहल्लों और सार्वजनिक स्थलों पर सजे पंडालों में देवी प्रतिमाओं को विराजित कर उनकी पूजा अर्चना की जा रही है। देवी प्रतिमाओं के आगे डांडिया नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन हो रहे है। वहीं देवी पाठ और मंत्र जाप का क्रम भी चल रहा है।

बीकानेरOct 08, 2024 / 11:25 pm

Vimal

बीकानेर.शारदीय नवरात्र में घर-घर और देवी मंदिरों में शक्ति की उपासना का क्रम चल रहा है। देवी उपासक, साधक और श्रद्धालु देवी का व्रत और आराधना कर रहे है। रात्रि जागरण का आयोजन हो रहा है। नवरात्र में दुर्गा पूजा महोत्सव का भी आगाज हो गया है। गली-मोहल्लों और सार्वजनिक स्थलों पर सजे पंडालों में देवी प्रतिमाएं विराजित कर उनकी पूजा-अर्चना का क्रम प्रारंभ हो गया है। मंगलवार को कई स्थानों पर देवी प्रतिमाएं स्थापित कर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजन किया गया। देवी पाठ और मंत्र जाप हुए। बुधवार से भी कई स्थानों पर दुर्गा पूजा महोत्सव की शुरूआत होगी।
दिन में पाठ व पूजन, रात में डांडिया नृत्य

लखोटिया चौक प्रांगण में मंगलवार से दुर्गा पूजा महोत्सव की शुरूआत हुई। विधि विधानपूर्वक देवी प्रतिमा स्थापित की गई। वेदपाठी ब्राह्मणों के मंत्रोच्चारण के बीच देवी प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की गई। आयोजन से जुड़े श्रीबल्लभ पुरोहित ने बताया कि इस अवसर पर देवी पाठ और मंत्र जाप हुआ। रात्रि में डांडिया नृत्य का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में बालिकाओं व महिलाओं ने भाग लिया। सिंह मण्डल, नृसिंह नवयुवक मण्डल व अशोक वाटिका सेवा समिति की ओर से आयोजित महोत्सव के तहत चार दिन डांडिया नृत्य का आयोजन होगा। 11 अक्टूबर को 551 कन्याओं का पूजन, महाप्रसाद और छप्पन भोग का आयोजन होगा। वहीं चौथाणी ओझा चौक में दुर्गा पूजा महोत्सव का आगाज देवी प्रतिमा को स्थापित करने और पूजा-अर्चना के साथ हुआ। महोत्सव के तहत धार्मिक अनुष्ठान व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
कल्पारम्भा, देवी आमंत्रण आज

रानी बाजार क्षेत्र िस्थत बंगाली मंदिर में दुर्गा पूजा महोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया जाएगा। बीकानेर बंगाली संस्थान के सचिव बबलू कुमार पुरकाईत के अनुसार बुधवार को षष्ठी पूजा प्रात: 4 बजे कल्पारम्भ से प्रारंभ होगी। शाम को देवी आमंत्रण तथा आरती रात 9 बजे होगी। महोत्सव में 10 अक्टूबर को महासप्तमी पूजा होगी। 6.30 बजे पुष्पाजंलि, 8 बजे प्रसाद का वितरण होगा। शाम 7.30 बजे दुर्गा मां की संध्या आरती होगी। 11 अक्टूबर को महाअष्टमी पूजा होगी। वहीं व्यक्ति पूजा, पुष्पाजंलि, संधि पूजा, बलिदान, संधि पूजा समाप्त होगी। महानवमी के दिन महानवमी पूजा होगी। शत्रु बलि, होम, संध्या आरती के आयोजन होंगे। 12 अक्टूबर को विजय दशमी के दिन दशमी पूजा, दर्पण विसर्जन, सिंदूर उत्सव, प्रतिमा विसर्जन के लिए यात्रा होगी। शांति जल रात 8 बजे संपन्न होगा।

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