सामाजिक संगठन के रोहिताश्वर बिस्सा के मुताबिक शाम करीब 5 बजे वह ओवरब्रिज के नीचे से पटरी पार कर दूसरी तरफ जा रहा था। इस दौरान कुछ दूरी पर रेलवे पटरी पर दो युवक पटरी का जॉइंट खोल रहे थे। आवाज लगाई, तो रेल पटरी से छेड़छाड़ कर रहे युवक भाग निकले। मौके पर जाकर देखा, तो रेल पटरी की जॉइंट प्लेट एक तरफ से खोल दी गई थी। केवल एक नट ही खोलना शेष था।
देर रात तक अज्ञात युवकों की पहचान नहीं
उन्होंने रेलवे अधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन फोन नो रिप्लाई मिला। इस पर उन्होंने पास की वर्कशॉप से कुछ लोगों को बुलाया और रेल पटरी की प्लेटों के नट कसने शुरू किए। साक्ष्य के तौर पर वीडियो भी बना लिया। कुछ देर बाद लाइनमैन और आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंच गई। उन्होंने रेल पटरी के जॉइंट को ठीक कर दिया। वहीं, पुलिस देर रात तक अज्ञात युवकों की पहचान में जुटी रही। हालांकि, अभी तक जॉइंट प्लेट खोलने वालों का पता नहीं चल पाया है। ट्रेन पलटाने की साजिश के ये मामले आए सामने
बता दें कि राजस्थान में 44 दिन के अंदर ट्रेन पलटाने की साजिश का ये चौथा मामला है। इससे पहले 8 सितंबर की रात अजमेर के सरधना और बांगड़ ग्राम रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर सीमेंट के ब्लॉक रखकर ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश हुई थी। ट्रेन का इंजन सीमेंट ब्लॉक को तोड़ते हुए आगे निकल गया था। हालांकि, बड़ा हादसा टल गया था। 28 अगस्त को बारां के छबड़ा में मालगाड़ी के ट्रैक पर बाइक का स्क्रैप फेंका गया था। मालगाड़ी का इंजन बाइक के कबाड़ से टकरा गया था। हालांकि, कोई जनहानि नहीं हुई थी। वहीं, 23 अगस्त को पाली में अहमदाबाद-जोधपुर वंदे भारत एक्सप्रेस के ट्रैक पर सीमेंट के ब्लॉक रखे गए थे। लेकिन, कोई जनहानि नहीं हुई थी।