उन्होंने विजिलेंस पर भेदभावपूर्ण कार्रवाई करने, एमओयू की पालना नहीं करने आरोप भी लगाए। इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली कम्पनी पर लगे आरोपों की जांच कमेटी से कराई जाएगी। एमओयू की शर्तों की पालना कराने और राजनीतिक हस्ताक्षेप नहीं होने देने का विश्वास दिलाया।
विधायक व्यास ने कहा कि कांग्रेस को बीकानेर में भाजपा की जीत पच नहीं रही है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री के रिश्तेदार और कांग्रेस समर्थक कम्पनी में लगे हुए है। कांग्रेस नेताओं ने कम्पनी में ठेके ले रखे है। वह लोग जनता को परेशान करने के लिए फाल्ट के नाम पर कई जगह दस-दस घंटे बिजली काट देते है। एमओयू की शर्तों के अनुसार एक घंटे से अधिक समय तक बिजली कटौती होने पर बिजली कम्पनी को जेनरेटर अथवा अन्य वैकल्पिक माध्यम से विद्युत सप्लाई करनी होती है। परन्तु कम्पनी ऐसा नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि बिजली कम्पनी जनता को सुविधा देने के मामले में राजनीति नहीं करें। जो राजनीतिक सोच से काम कर रहे है, उन कार्मिकों को हटाए अथवा समझाए। विधायक ने कहा कि दो व्यक्ति के परिवार के घर सुबह दस बजे विजिलेंस टीम पहुंच जाती है और मीटर उखाड़ कर ले जाती है। कंपनी के अधिकारियों से पूछते है तो जवाब मिलता है ऊपर से आदेश है। उन्होंने कहा कि बिजली कम्पनी की विजिलेंस विंग जब भी कार्रवाई करें, उसके साथ एक सरकारी कर्मचारी रहना चाहिए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा, नहीं चलेगा राजनीतिक हस्तक्षेपविधानसभा में
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर (
Rajasthan Energy Minister Hira Lal Nagar) ने कहा कि बिजली आपूर्ति के मामले में राजनीतिक हस्ताक्षेप नहीं होने दिया जाएगा। बीकानेर में 16 मई 2017 से बीकेईसीएल कम्पनी पीपीपी मोड पर बिजली आपूर्ति का कार्य कर रही है। पूर्व में शिकायत मिलने पर कम्पनी को नोटिस दिया जा चुका है। यदि कम्पनी में राजनीतिक हस्ताक्षेप से काम कर रही है, एमओयू की शर्तों की पालना नहीं कर रही, साल 2017 से अब तक एमओयू के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर डवलप नहीं किया, इन सभी आरोपों की कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी। कमियां पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी।
बीकेईएसएल केवल सरकार के साथविधायक जेठानन्द व्यास (
BJP MLA Jethanand Vyas) ने
बीकानेर शहर में विद्युत आपूर्ति और उससे सम्बंधित मुद्दे उठाए। कम्पनी के अधिकारी व्यास से मिलकर समस्याओं का समाधान करने का पूरा प्रयास करेंगे। बीकेईएसएल का किसी भी राजनीतिक दल से कोई जुडाव नहीं है। कम्पनी केवल राज्य सरकार के प्रति जवाबदेह है। यदि कोई कर्मचारी किसी राजनीतिक पक्ष को लेकर काम कर रहा है तो कम्पनी अपने स्तर पर अन्दरूनी जांच कराएगी।
जहां तक बिजली बन्द होने पर जनरेटर से आपूर्ति का सवाल है, कम्पनी और सरकार के बीच हुए अनुबंध में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। यह बात सही है कि इस बार गर्मी में विद्युत आपूर्ति बाधित हुई लेकिन, इसका प्राथमिक कारण राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के 132 केवी जीएसएस में फॉल्ट आने का रहा। साथ ही अधिक गर्मी से विद्युत तंत्र का ओवर लोडिंग होना रहा है। कम्पनी ओवर लोडिंग की समस्या का समाधान करने के लिए उचित कार्रवाई कर रही है। – अरूणाभा साहा, वाइस प्रेसीडेंट सीईएससी राजस्थान