Bikaner News : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चार महीने से पाउडर वाले दूध का इंतजार कर रहे विद्यार्थियों की प्रतीक्षा खत्म होने को है। उन्हें अब फिर से यहीं दूध देने का फैसला लिया गया है लेकिन मोटे अनाज का स्वाद अभी वे नहीं चख पाएंगे।
राजस्थान सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में पाउडर वाले दूध की आपूर्ति शुरू कर दी है। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने तीन सितंबर के अंक में ‘स्कूली बच्चों को कैसे मिलेगा पोषण, स्कूलों में न दूध न मोटे अनाज पर फैसला’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर इस स्थिति से अवगत कराया था।
इसके बाद सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए मिड-डे-मील कार्यक्रम के तहत स्कूलों में दूध की आपूर्ति शुरू की है। अब इसी माह से विद्यार्थी गर्म पानी में दूध को उबाल कर पी सकेंगे। राजस्थान में कक्षा आठ तक अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार सरकार ने 65 लाख 39 हजार 585 किलोग्राम मिल्क पाउडर की आपूर्ति की है। मदरसा, बाल वाटिकाओं के अलावा कक्षा एक से आठ तक 70 लाख विद्यार्थियों को अब दूध मिलने लगेगा।
फरवरी 2025 तक की आपूर्ति
पूर्व में कांग्रेस सरकार ने मई 2024 तक स्कूलों में दूध पैकेट की आपूर्ति की थी। इसके बाद दूध समाप्त हो गया था। अब भाजपा सरकार ने फरवरी 2025 तक दूध पाउडर की आपूर्ति की है। विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार आरसीडीएफ की ओर से डिलीवरी की जाएगी।
नाम बदलने के बाद पहली बार आपूर्ति
प्रदेश में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान दूध वितरण योजना का नाम मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना था। भाजपा सरकार के गठन के बाद इस योजना का नाम बदल कर पन्नाधाय बाल गोपाल योजना कर दिया गया। नाम बदलने के बाद पहली बार दूध की आपूर्ति हो पाई है। इससे पहले भाजपा सरकार ने 2018 में बच्चों का पोषण स्तर को सुधारने के लिए अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत ताजा दूध मिलता था, जिसे स्कूलों में ही गर्म करके बच्चों को पिलाया जाता था।
कांग्रेस राज में सप्ताह में छह दिन मिला दूध
भाजपा सरकार ने 2013-18 के दौरान सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को ताजा दूध पिलाने की योजना शुरू की थी। कांग्रेस सरकार का गठन होने के बाद इसे सप्ताह में छह दिन कर दिया था।
बीकानेर में इतनी मात्रा में दूध
बता दें कि बीकानेर जिले के विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर 198915 किलोग्राम दूध की आपूर्ति की गई है।