दूल्हा बने ईसर को पोखने की रस्म हुई। तालोटा गीत गाए गए। ईसर-गवर की वरमाला हुई। बारातियों की मनुहार हुई। धूमधाम से हुई विवाह की विभिन्न रस्मों को देखने के लिए बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे।बारात में दूल्हे बने दो ईसर शामिल रहे। दो गवर प्रतिमाओं से विवाह की विभिन्न रस्में हुई। इस आयोजन में मेघा जोशी, रिंकू जोशी, तानिया जोशी, कनक जोशी, शालिनी जोशी, रितिका जोशी, मोनिका, सोनू, मोनू, निशा, श्यामा, यामिनी जोशी,पिंकी देवी सहित मोहल्ले की महिलाओं और कांतिलाल जोशी आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।
गवरयो री मौज्यों बीकानेर में…
गणगौर पूजन में बालिकाएं व महिलाएं पारंपरिक गणगौरी गीतों का गायन कर रही है। घेर घुमायो गवरल घाघरो, चढ़ती रा बाजै गवरल घूघरा, थोरा वचन ए सुहावणा, खेलण दो गणगौर, म्हारी चांद गवरजा, मिजाजी ढोला जैपुर जायजोजी, ईसरजी रे हाथ रो रुमाल, गवरा बाई रे ओढ़ण रो दुपट्टों, पागडल्यां रा पेच ईसरजी ढीला ढीला लागै तथा गवरयों री मौज्यों बीकानेर में सहित पारंपरिक गीतों का गायन कर रही है।
गणगौर गोठ के हो रहे आयोजन
धुलंडी के दिन से गणगौर का पूजन कर रही बालिकाएं गणगौर गोठ के आयोजन भी कर रही है। छोटी-छोटी बालिकाएं विभिन्न प्रकार की मिठाईयां, नमकीन, पकवान, फास्ट फूड आईटम सहित कोल्ड डि्रंक, आईसक्रीम आदि का भोग गणगौर प्रतिमाओं के समक्ष अर्पित करने के बाद गोठ कर रही है। इस दौरान गीत-नृत्यों का क्रम भी चल रहा है। बालिकाओं की गणगौर गोठ में घर-परिवार और मोहल्ले की महिलाएं व लोग सहयोग कर रहे है।