एकीकरण के बाद इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार शिक्षकों के पदों का पुनर्निधारण किया जाएगा। अधिशेष शिक्षकों का अन्य स्कूलों में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाएगा।
निर्देश हैं कि स्टाफिंग के बाद अधिशेष शिक्षकों के पदस्थापन होने तक कार्य व्यवस्थार्थ उसी पीईईओ क्षेत्र के उन स्कूलों में लगाया जाए, जहां नामांकन की अपेक्षा शिक्षकों की संख्या कम है। जिन स्कूलों को दूसरे स्कूलों में समाहित किया गया है, उनकी सभी स्थाई तथा अस्थाई परिसंपत्तियां जैसे भूमि, भवन, फर्नीचर, खेल मैदान, शैक्षिक उपकरण, उपयोगी तथा अनुपयोगी सामग्री आदि का हस्तांतरण स्वत: ही संबंधित विद्यालय में हो जाएगा।
इन जिलों में बंद किए गए 169 स्कूल
बंद किए गए 169 स्कूलों में बीकानेर के 4 स्कूल शामिल हैं। अन्य जिलों में अजमेर में 1 , अलवर में 4, बालोतरा में 6, बांसवाड़ा 3, बारां 1, बाड़मेर 5, ब्यावर 2, भरतपुर 2, बूंदी 3, चित्तौड़गढ़ 2, चूरू 4, दौसा 6, डीडवाना कुचामन 11, डूंगरपुर 3, श्रीगंगानगर 4, हनुमानगढ़ 2, जयपुर 18, जैसलमेर 3, जालोर 5, झालावाड़ 5, झुंझनूं 1, जोधपुर 17, करौली 10, कोटा 3, कोटपुतली-बहरोड़ 7, नागौर 7 पाली 5, फलोदी 3, प्रतापगढ़ 2, राजसमंद 2, सवाई माधोपुर 4, सीकर 5, सिरोही 2, टोंक 2, और उदयपुर के 5 स्कूल शामिल हैं।
एक ही परिसर में चलने वाले स्कूल निरस्त की संख्या
अजमेर 2, बालोतरा 1, भीलवाड़ा 4, बीकानेर 1, चूरू 2, गंगानगर 1, ब्यावर, 1, जयपुर 2, जालौर 1, जोधपुर 3, तिजारा, कोटा एवं राजसमंद के एक-एक स्कूल को निरस्त किया गया है।