रालोद के चुनाव चिन्ह पर संकट
सपा से गठबंधन के बाद रालोद की वेस्ट यूपी में स्थिति पिछले चुनावों से बेहतर हुई है। ऐसे में निकाय चुनाव में भी रालोद को वेस्ट यूपी में उम्मीदें दिख रही थीं। ऐसे में चुनाव चिह्न का संकट पार्टी की उम्मीदों पर भी पानी फेर सकता है।
BSP की राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता बरकरार
केंद्रीय चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी यानी CPI का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी वापस ले लिया है।
आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ को राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता दी। यूपी से बहुजन समाज पार्टी यानी BSP की राष्ट्रीय दल की मान्यता बरकरार रही है, जबकि राष्ट्रीय लोक दल यानी RLD अब राज्य स्तर की पार्टी नहीं रही।
2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में रालोद ने 8 सीटें जीती थीं। RLD का वोट प्रतिशत 2.33% ही था। 2017 के विधानसभा चुनाव में रालोद सिर्फ एक सीट मिली और उसका वोट प्रतिशत घट कर 1.69% ही रह गया।
लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 के लोकसभा चुनाव में रालोद का एक सांसद भी नहीं जीता और उसका वोट प्रतिशत से एक से कम यानी 0.86% रह गया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद का वोट प्रतिशत तो कुछ जरूर बढ़ा (1.69)। लेकिन, सीट एक भी नहीं जीती। इसके बाद 2022 के लोकसभा चुनाव में रालोद ने आठ सीटें जरूर जीती, लेकिन वोट प्रतिशत 2.85 ही रहा।