बता दें कि सपा नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां मशावरती काउंसिल की मीटिंग में शामिल होने किरतपुर मे आये थे। आजम खां ने पुलवामा में हुए शहीदों को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि इन सीआरपीएफ जवानों को इस आतंकी घटना से पहले भी एयरलिफ्ट कराया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस घटना के बाद सीआरपीएफ जवानों को एयरलिफ्ट कराया गया, इसका क्या मतलब है। उन्होंने यह भी कहा की पैरामिलिट्री फोर्स को शहीद कहना गलत है। शहीदों की कोई भी सहूलियत सेना के अलावा किसी और सेना को नहीं दी जाती है। आजम खान ने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों को शहीद तो कहते हैं, लेकिन शहीद का दर्जा तो सिर्फ सेना को ही दिया जाता है।
बता दें कि मशावरती काउंसिल की बैठक में सपा नेता आजम खान ने करीब तीन घंटे तक बंद कमरे में मैराथन वार्ता की। इस बैठक में केवल बोर्ड पदाधिकारी व सदस्य ही शामिल हुए। हालांकि बैठक से पहले सभी सदस्यों के मोबाइल बंद करवाकर अलग रखवा दिए गए थे। इस दौरान क्या निर्णय लिए गए इस पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। वहीं नगीना के पूर्व चेयरमैन व सपा नेता खलीलुर्रहमान ने बैठक में शामिल होने के लिए आजम खान से इजाजत मांगी थी, लेकिन आजम खाने ने उन्हें मना कर दिया।