दरअसल, बिजनौर की गली मौहल्लों की दीवारों पर चस्पा पोस्टरों में सांसद मलूक नागर का फोटो लगातर उसके इर्द गिर्द ‘गुमशुदा की तलाश मलूकनागर एमपी बिजनौर, अगर ये मिल जाएं तो कृपया करके बिजनौर को सूचित किया जाए’ लिखा हुआ है। लोगों का कहना है कि नागर जब से बिजनौर के सांसद बने हैं, तब से जनपद में नहीं आए हैं और न ही बिजनौर के लिए विकास के बारे में सोचा है। जिसके चलते अज्ञात लोगों ने ये पेस्टर चस्पा कर दिए हैं।
इस मामले में सांसद मलूक नागर का कहना है कि एक व्यक्ति उनसे कुछ गलत काम कराना चाहता था। जिसमें उन्होंने साथ नहीं दिया। इसके बाद से ही वह लॉकडाउन खत्म होने का मौका देख रहा था और अब उसने उनकी छवि खराब करने के लिए गुमशुदा के पोस्टर लगाए हैं। वह लगातार लॉकडाउन के दौरान भी गरीब, मजदूरों की आवाज उठाते रहे हैं और सभी के संपर्क में रहे हैं। फिलहाल दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ की सीमाएं सील हैं, जिसके चलते वह बिजनौर नहीं आ सके।
गौरतलब है कि मलूक नागर साल 2014 में भी बसपा के टिकट पर बिजनौर सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा, सपा व रालोद के गठबंधन के बाद उन्होंने बसपा के सिंबल पर बिजनौर से चुनाव लड़ा। जिसमें वह करीब 70 हजार वोटों से विजय हुए।