दरअसल, बिजनौर जिले के उत्तम शुगर मिल में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें 0238 गन्ने के शोधकर्ता और जनक डॉक्टर बख्शीराम का स्वागत किया गया है। डॉक्टर बख्शीराम ने गन्ने के क्षेत्र में बहुत शोध किये है। इनके द्वारा अब तक 25 से अधिक गन्ने की प्रजातियां बनाई है। लेकिन, जो धमाल 0238 गन्ने की प्रजाति ने किया है, उसका कोई तोड़ नहीं है। इस गन्ने को प्रदेश भर ही नहीं बल्कि देश के सभी किसान इसी गन्ने की पैदावार कर रहे हैं।
इस गन्ने में शुगर की अधिक मात्रा है और पैदावार भी अधिक है। इस प्रजाती ने किसानों की आर्थिक स्थिति को काफी हद तक सुधार किया है। गन्ना साइंटिस्ट डॉक्टर बख्शीराम कोयम्बटूर गन्ना संस्थान में काम कर रहे है और पहली बार जिले के भ्रमण पर आए थे। डॉक्टर ने उत्तम शुगर मिल के केन फार्म का भी बारीकी से निरीक्षण किया है और गन्ना 238 की फसल को बारीकी से देखा है। उत्तम शुगर मिल पहली बार गन्ने के बीज को पौधे के रूप में तैयार कर रहा है। इस वर्ष एक करोड़ 2 लाख पौधे तैयार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।