जगदलपुर में भी ईलाज नहीं हो सका डाक्टरों ने रायपुर के किसी बड़े अस्पताल में ईलाज कराने की समझाईश दी। फिर जैसे-तैसे रायपुर के एकता इंस्टियूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ केयर में ईलाज के लिए गए। वहां भी मायूसी मिली डाक्टरों द्वारा दिल्ली ले जाने की सलाह देने पर खेमेश्वर और उसकी पत्नी मायूस हो गए परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नही थी कि दिल्ली में जाकर बच्ची का ईलाज करा सकें। शिवांशी के दादा आयतु कडती ने बताया की कुछ दिनों बाद ईलाज के लिए हैदराबाद के एलआईजी अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट कराने की बात कही जिसमें 20 लाख रूपए तक खर्च होना बताया गया था।
छत्तीसगढ़ में सफलतापूर्वक ईलाज
बच्ची की स्थिति के बारे में परिजनों द्वारा बताए जाने के बाद विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी ने जिला चिकित्सालय में चेकअप कराने को कहा। विधायक एवं कलेक्टर राजेन्द्र कटारा के निर्देश पर सिविल सर्जन एवं सीएमएचओ डॉ. सुनील भारती द्वारा मरीज के प्रकरण को राज्य कार्यालय भेजा गया। जहां डाक्टरों ने बताया कि सफलतापूर्वक ईलाज छत्तीसगढ़ में संभव है।
बच्ची को डीकेएस अस्पताल रायपुर के द्वारा रामकृष्ण केयर अस्पताल रिफर किया गया। ईलाज में 20 लाख रूपए की लागत आने के कारण राज्य कार्यालय द्वारा आयुष्मान भारत योजनार्न्तगत छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना से ईलाज कराने का निर्णय लिया गया और 18 लाख रूपए स्वीकृत कर 02 नवंबर 2022 को सफल ऑपरेशन हुआ।
विधायक के पहल पर कलेक्टर एवं जिला चिकित्सालय द्वारा कराया गया समुचित ईलाज
बच्ची पूर्णरूप से स्वस्थ है, मुख्यमंत्री के संवेदनशील पहल एवं उनकी महत्वाकांक्षी योजनाओं से गरीब परिवार को जटिल रोग से निदान होने और बच्चे को जीवन दान मिलने पर बच्ची के माता-पिता और परिवार जनों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया इसी तरह क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी को धन्यवाद देते हुए कहा कि सही समय पर विधायक ने आत्मीयतापूर्वक बच्ची के समुचित ईलाज के लिए प्रयास कर उसे जीवनदान दिया।
मां और शिवांशी ठीक
माता-पिता एवं परिवारजनों ने कलेक्टर राजेंद्र कटारा सहित जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों के प्रति भी आभार व्यक्त किया है। आयतु कडती ने बताया कि शिवांशी को पीलिया हुआ था। जिसका इलाज पहले देशी जड़ी बूटी से कराने की कोशिश की गई थी। पर वह ठीक नही हो रही थी। अस्पताल पहुंचे तो कई जांच से गुजरने के बाद लीवर ट्रांसप्लांट के बारे में बताया गया। परिजन ने बताया अब मां और शिवांशी ठीक हैं अभी रायपुर अस्पताल में हैं।