Bijapur Encounter: चल निकला सुरक्षा बलों का JKT फार्मूला, परिणाम – धड़ाधड़ मरते गए नक्सली, जवानों को खरोंच भी नहीं आया
Bijapur Encounter: नक्सलियों की गतिविधियों पर फोर्स पिछले एक सप्ताह से यूएवी (UAV – Unmanned aerial vehicle) के द्वारा नजर रखे हुए थी। यूएवी से मिले वीडियो और तस्वीरों के बाद इस इलाके में ऑपरेशन का प्लान बनाया गया।
Chhattisgarh Naxal Attack: मनीष गुप्ता – बस्तर में अब फोर्स नक्सलियों के कोर इलाके को टारगेट कर हमले के लिए नक्सलियों का ही पैंतरा अपना रही है। इसे कहते हैं JKT फार्मूला (Jas Ka Tas formula) या जस का तस फार्मूला। इस फॉर्मूले का मतलब है दुश्मन को उसी की रणनीति से हराने का तरीका। इसे रणनीतिकार अंग्रेजी में टिट फॉर टैट (Tit for tat) भी कहते हैं। इसके तहत जवान पहले नक्सलियों की रेकी करते है फिर उनके मुखबिर को साधते हैं और अनुकूल समय में उनपर हमला बोलते हैं। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद फोर्स की रणनीति में यह बदलाव आया है।
कोरचोली-लेंड्रा मुठभेड़ में फोर्स को मिली यह सफलता नई रणनीति का ही परिणाम है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में फोर्स नक्सलियों पर ऐसे हमले और तेज करेगी। इस मुठभेड़ में फोर्स ने यूएवी का भी सहारा लिया। कई दिनों तक नक्सलियों की रेकी की गई र्और जब फोर्स ने हमला बोला तो नक्सली भी चौंक गए, उन्हें जब तक समझ में आता तब तक काफी देर हो गई थी, वे घिर चुके थे। यह है बस्तर में फोर्स के नक्सलियों पर किए गए अब तक के सबसे बड़े हमले की इनसाइड स्टोरी।
बीजापुर जिले के कोरचोली-लेण्ड्रा मुठभेड़ स्थल में जवानों ने बुधवार तड़के जब सर्चिग की तो तीन नक्सलियों के शव और बरामद हुए। इसके साथ ही मुठभेड़ में मृत नक्सलियों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। सभी के शव जिला मुख्यालय बीजापुर लाए गए है। मुठभेड़ के बाद बड़ी मात्रा में नक्सलियों के हथियार और विस्फोटक भी बरामद हुए हैं। देर शाम एसपी बीजापुर ने बयान जारी कर बताया कि 13 में से 5 शव की शिनाख्त हुई है जिसमें सुखराम हेमला, जो कि नक्सल कंपनी नं 2 में एसीएम के पद पर था, इसके अलावा हूंगा परसी,हूंगा कुंजाम, सीतक्का और दुला सोनू की पहचान सार्वजनिक हुई है।
बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि कोरचोली-लेण्ड्रा के जंगल में पीएलजीए कंपनी नम्बर 02 के कमांडर वेल्ला, गंगालूर एरिया कमेटी सचिव दिनेश मोड़ियम एवं अन्य 80 से 100 सशस्त्र नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना थी। इस बीच बड़े नक्सली पापा राव, लिंगु और श्याम उर्फ चैतू भी मीटिंग में शामिल होने पहुंचे थे। जवानों ने मीटिंग कर रहे नक्सलियों को पहले चारों ओर से घेरा। इसकी भनक लगते ही हड़बडाए नक्सलियों ने अचानक जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। इस बीच कुछ नक्सली जंगल का फायदा उठाकर भागे लेकिन उनका सामना फोर्स की दूसरी टीमों से हुआ। इस तरह चार अलग -अलग स्थानों पर जवानों के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई।
सूत्रों के मुताबिक इलाके में नक्सलियों की गतिविधियों पर फोर्स पिछले एक सप्ताह से यूएवी (अनमैंड एरियल व्हीकल) के द्वारा नजर रखे हुए थी । यूएवी से मिले स्पष्ट वीडिओ एंव तस्वीरों के बाद इस इलाके में ऑपरेशन का प्लान बनाया गया। बताया जाता है कि डीआरजी की एक टीम सिविल ड्रेस में तीन दिनों से घटनास्थल के आसपास मौजूद थी, जो कि गोपनीय रूप से उनकी गतिविधियों पर नजर रखी हुई थी।
जिस इलाके में यह मुठभेड़ हुई है वह इलाका बैलाडीला का तराई क्षेत्र है। यह पहुंचविहीन इलाका है यहां तक पैदल या बाइक से ही पहुंचा जा सकता है और चारों ओर नक्सलियों के मुखबिर फैले हैं। कोई भी नया व्यक्ति इस इलाके में दिखाई देता है तो उसकी खबर नक्सलियों को पहले ही लग जाती है और वे सतर्क हो जाते है इन दुर्गम परिस्थितियों के कारण ही यह इलाका नक्सलियों की शरणस्थली माना जाता है। आमतौर पर यहां तक फोर्स जाती ही नही है इस कारण नक्सली इस इलाके में निश्चिंत होकर वे अपनी गतिविधियों का संचालन करते है । पहली बार फोर्स ने यहां नक्सलियों के खुफिया तंत्र को चकमा देकर जवानों को पैदल पहुंचाया।
फोर्स को सर्चिग के बाद 01 नग 7.62 एलएमजी-58 राउण्ड, 01 नग 303 रायफल-39 राउण्ड,12 बोर सिंगल शॉट 01 नग, बीजीएल लांचर 03 नग-17 सेल, एयर गन-02 नग, विस्फोटक -हैण्ड ग्रेनेड-01, यूबीजीएल सेल-01, टिफिन बम 07 नग, जिलेटिन स्टीक कार्डेक्स वायर, सेफ्टी फ्यूज, डेटोनेटर, इलेक्ट्रिक वायर, उपकरण-लेपटॉप, डीवीडी राइटर, वॉकीटॉकी सहित अन्य सामग्री बरामद हुए हैं।