पेड़ उखड़ने की सर्वाधिक घटनाएं पुरी, खोरदा, भुवनेश्वर व कटक समेत 14 फानी प्रभावी जिलों में हुई हैं। ओडिशा राजधानी भुवनेश्वर न केवल स्मार्ट सिटी नंबर वन हुआ करता था बल्कि ग्रीनरी के मामले में भी यह देश में अव्वल कहा जाता था। अब तो बिलकुल ही छांव विहीन हो गया है। ऊपर से 44 से 45 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान। दोपहर में राजधानी में सन्नाटा पसर जाता है। यही नहीं फानी चक्रवात ने वाइल्डलाइफ सेंचुरी पर भी गहरा असर डाला है। चंडाका तो राजधानी का ग्रीन क्षेत्र कहा जाता था। अब यहां हजारों पेड़ उखड़ चुके हैं। यही हाल कमोबेश नंदन कानन प्राणि उद्यान का है। पार्क तो लगभग सभी उजड़ गए हैं। करीब 12 हजार करोड़ रुपये की क्षति का आंकलन किया गया है। श्रीजगन्नाथ मंदिर को 5.10 करोड़ की क्षति हुई है।