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मचा बवाल तो उठाया कदम…
रिपोर्ट के मुताबिक दंत चिकित्सा के सहायक प्रोफेसरर डॉ.प्रशांत स्वैं ने उसी ऑपरेशन थिएटर में 12 मरीजों की दंत चिकित्सा के लिए सर्जरी की जिसमें एचआईवी संक्रमित का इलाज सोमवार को किया गया था। बताया जाता है कि उपकरणों को विसंक्रमित किए बिना इलाज के कारण इन मरीजों को भी एचआईवी संक्रमण का खतरा उत्पन्ना हो गया है। यह खबर फैलते ही विमसार का दंत विभाग बंद कर दिया गया। ऑपरेशन थिएटर के उपकरणों को अलग करके विसंक्रमित किया गया।
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डॉक्टरों के बीच हुआ विवाद…
घटना के बाद दंत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर और संबंधित सहायक प्रोफेसर डॉक्टर के बीच विवाद उत्पन्न हो गया। दंत विभाग के हेड डॉ.अनूप सत्पथी ने घटना की जानकारी विमसार के डीन एवं अधीक्षक को दी। डॉ.सत्पथी का कहना है कि ऐसे मामलों में पूरे ऑपरेशन थियेटर को बंद करके विसंक्रमित किया जाता है। उनका कहना है कि डॉ.प्रशांत ने इस केस में क्या किया है, यह उन्हें जानकारी नहीं है। उधर डॉ.प्रशांत ने अपने ऊपर लगे आरोपों से साफ इंकार करते हुए कहा कि मरीज के ऑपरेशन थियेटर लाने तक उन्हें नहीं पता था कि यह मरीज एचआईवी संक्रमित है। उनका यह भी कहना था कि उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रो.अनूप सत्पथी को सूचित भी किया था। इस पर उनका कहना था कि मरीज को बिना शल्य चिकित्सा के जाने दो। डॉ.प्रशांत का कहना है कि जब उन्होंने देखा कि उसकी हालत अच्छी नहीं है तो गाइड लाइंस और मानकों का अनुसरण करते हुए उसके आपरेशन का निर्णय ले लिया। उनका यह भी कहना था कि सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद कोई भी डॉक्टर उपकरणों को नहीं धोता है। यह कार्य पैरा मेडिकल स्टाफ करता है। उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि आपरेशन थियेटर के भीतर की बात बाहर कैसे आई। यह तो उनके (डा.प्रशांत) खिलाफ षड़यंत्र है।
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होगी उच्चस्तरीय जांच: मंत्री
विमसार के अधीक्षक प्रोफेसर लालमोहन नायक ने कहा कि किसी भी गाइड लाइंस का उल्लंघन नहीं किया गया है। इलाज में भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। डा.प्रशांत को वैसे विमसार हेड होने के नाते उन्हें (डा.लालमोहन नायक) सूचित करना चाहिए था। एक अधीक्षक जयश्री डोरा ने इस घटना की जानकारी होने से इंकार किया। ओडिशा सरकार के स्वास्थ मंत्री नवदास ने बताया कि यदि ऐसा हुआ है तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी उच्चस्तरीय जांच की जाएगी और दोषी को बख्शा न जाएगा।