भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने को लेकर सख्त आदेश जारी किया है। ऐसा ही एक आदेश मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने भी जारी किया है। आदेश के मुताबिक अब एमपी के सभी निजी व सरकारी स्कूलों को सत्र शुरू होने के पहले बच्चों के सामने राष्ट्रगान करना जरूरी कर दिया है। ऐसा नहीं करने पर स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। आदेश का पालन कराने के लिए विभाग ने मान्यता नियमों में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है।
अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के सभी निजी और सरकारी स्कूलों में राष्ट्रीय ध्वज रोज फहराना अनिवार्य किया जा रहा है। छात्र रोज ध्वज के सामने राष्ट्रगान करेंगे। ऐसा नहीं करने पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। स्कूल शिक्षामंत्री विजय शाह ने यह घोषणा की है। विभाग ने मान्यता नियमों में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है।
वैसे तो प्रदेश के सभी स्कूलों में रोज राष्ट्रगान गाया जाता है और स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया जाता है, लेकिन अब स्कूलों में रोज ध्वज फहराया जाएगा और विद्यार्थी ध्वज के सामने राष्ट्रगान करेंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है। मंत्री का तर्क है कि इससे विद्यार्थियों में देशभक्ति की भावना आएगी। नियम का कठोरता से पालन हो, इसलिए विभाग इसे मान्यता नियमों में शामिल कर रहा है।
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सूत्र बताते हैं कि इस नियम के तहत मान्यता का नवीनीकरण होने के बाद किसी भी स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज फहराया नहीं जाता है, तो विभाग संबंधित स्कूल को नोटिस देगा और स्थानीय स्तर पर जांच कराई जाएगी। जांच में मामला सही पाए जाने पर मान्यता रद्द की जाएगी।
ये भी दिक्कतें आएंगी
राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अपने नियम हैं। जिसे लेकर स्कूलों में दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं। ध्वज सूयोज़्दय के बाद फहराया जाता है और सूयाज़्स्त के पहले सलामी देकर उतारा जाता है। ऐसे में दोपहर की शिफ्ट में लगने वाले स्कूलों में क्या व्यवस्था बनाई जाएगी। यह अभी तय नहीं है। वहीं शाम को सम्मानजनक तरीके से ध्वज उतारने की व्यवस्था भी बनानी होगी।
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