भोपाल। मध्य प्रदेश में भी अब डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम लागू की जाएगी। इस स्कीम के जरिए प्रदेश के प्रमुख शहरों और जिलों में बाजार मूल्य पर मिट्टी का तेल बेचा जाएगा और सब्सिडी की राशि उपभोक्ताओं के खाते में आएगी। ये स्कीम भी रसोई गैस में मिलने वाली सब्सिडी की तरह ही काम करेगी।
पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम यानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आधार बेस्ड वितरण व्यवस्था लागू होने के बाद अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर इन केरोसिन स्कीम को लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। इस स्कीम को लागू करने के पहले चरण में राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रीवा समेत प्रदेश के प्रमुख जिलों में बाजार मूल्य पर केरोसिन बांटी जाएगी और सब्सिडी की राशि उपभोक्ता के बैंक खाते में सीधे जमा करा दी जाएगी।
ये योजना झारखंड में सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है, लिहाजा इसके ठीक क्रियान्वयन के लिए खाद्य विभाग की टीम ट्रेनिंग के लिए रांची जाएगी। स्कीम को 1 फरवरी से पटल पर लाने की योजना है। दो महीने में इसे पटल पर लाने के लिए तैयारियां भी तेज नजर आ रही हैं। शुरुआती चरण में सभी प्राथमिकता सूची वाले और अंत्योदय परिवारों के बैंक खाते दर्ज किए जा रहे हैं। जिनके बैंक खाते आधार से लिंक हैं, वे सीधे पीडीएस सिस्टम से लिंक हो जाएंगे।
खाद्य विभाग की टीम झारखंड में लेगी ट्रेनिंग
इस योजना के मामले में झारखंड सबसे आगे है। झारखंड एकमात्र राज्य हैं, जहां सफलतापूर्वक पूरे राज्य में केरोसिन वितरण में 100 फीसदी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटीके) को लागू कर दिया है। वहीं राजस्थान और हरियाणा ने पायलट फेज में अपने दो-दो जिलों में केरोसिन में डीबीटीके लागू कर दी है। दिल्ली राज्य ने उज्ज्वला योजना का टॉरगेट 100 फीसदी पूरा करने के बाद सब्सिडी पर केरोसिन वितरण 100 फीसदी बंद कर दिया है।
झारखंड की सफलता का राज जानने के लिए दिसंबर के अंत में प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की एक टीम राजधानी रांची जाएगी। जहां इस स्कीम को पूरी तरह से समझने और इस प्रदेश में बेहतर ढंग से लागू करने के तौर तरीकों को सीखा जाएगा।
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कोटे का 50 फीसदी केरोसिन देता है केंद्र
आपको बता दें कि बीते एक साल में मध्यप्रदेश को आवंटित किए जाने वाले केरोसिन का कोटा लगभग 50 फीसदी तक घटा दिया है। जनवरी 2016 तक प्रदेश को हर माह 57 हजार 140 किलोलीटर केरोसिन का आवंटन किया जाता था। लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से जून-जुलाई के मध्य इसे घटाकर 44 हजार किलोलीटर कर दिया गया।
हाल ही में 1 नवंबर से इसे घटाकर 28 हजार 200 किलोलीटर प्रति माह कर दिया गया है। 1 नवंबर से बीपीएल परिवारों को 2 लीटर प्रतिमाह और अंत्योदय परिवारों को 4 लीटर केरोसिन प्रतिमाह दिया जा रहा है। इससे पहले बीपीएल परिवारों को 4 लीटर और अंत्योदय परिवारों को 5 लीटर केरोसिन हर महीने दिया जाता था।
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