बैठक में पट्टे को लेकर चर्चा हुई तो पीएम आवास योजना की बात भी उठी। इसमें सामने आया कि पूरी योजना का श्रेण केंद्र सरकार ले जाती है, क्योंकि वहां से 60 फीसदी राशि मिलती है। प्रदेश सरकार 40 फीसदी राशि देती है, लेकिन श्रेय नहीं मिल पाता। इस पर कमलनाथ ने कहा कि जमीन भी राज्य की रहती है, लेकिन इसका श्रेय नहीं मिलता। अब प्रचार-प्रसार की ऐसी योजना तैयार हो कि केंद्र व राज्य दोनों को श्रेय मिल सके। इसके तहत अब पीएम व सीएम को श्रेय देने वाला ब्रांडिंग कैंपेन तैयार होगा।
– पैसा कम, किसान ज्यादा
किसान कर्जमाफी पर बात हुई तो अफसरों ने कहा कि बजट में 8000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसे बढ़ाना होगा। इस पर वित्त विभाग सहमत नहीं है। कमलनाथ ने कहा कि ऐसा फॉर्मूला अपनाओ कि यह 8000 करोड़ ही ज्यादा से ज्यादा किसानों को मिले। यानी दो लाख रुपए तक कर्ज वाले की बजाए कम राशि के कर्ज वाले किसानों को पहले फायदा दिया जाए। इस फॉर्मूले को अपनाने के सीएम ने निर्देश दिए।