बरेठी सोलर पावर प्रोजेक्ट
छतरपुर के बरेठी में बनने वाला सोलर पावर प्लांट बुंदेलखंड का सबसे बड़ा सोलर प्लांट होगा। इसे 28 हजार करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। यहां 630 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा जिससे 3 लाख से अधिक घरों में रोशनी पहुंचेगी। यह प्लांट 2800 एकड़ की जमीन में बनाया जाएगा जिसका निर्माणकार्य साल 2027 तक पूरा होगा। प्लांटस्थापना का कार्य एनटीपीसी की देखरेख में रिन्यूअल एनर्जी लिमिटेड कंपनी द्वारा कराया जाएगा।(Barethi Solar Power Project)
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रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (RUMSL) कई अन्य सरकारी एवं निजी कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर में एमपी में 1500 मेगावाट के सोलर पार्कों का निर्माण कर रहा है। यह आगर, नीमच और शाजापुर में स्थापित किए जाएंगे। इसकी कुल लागत 5200 करोड़ रूपए से ज्यादा होने वाली है। 550 मेगावाट का
आगर सोलर पार्क और 450 मेगावाट का
शाजापुर सोलर पार्क को RUMSL, एमपी ऊर्जा विकास निगम (MPUVN) और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन (SECI) के साथ मिलकर बना रहा है।
500 मेगावाट का
नीमच सोलर पार्क RUMSL और टाटा पावर शौर्य द्वारा जॉइंट वेंचर में बनवाया जा रहा है। 1500 मेगावाट का यह सोलर पार्क बिजली राष्ट्रीय ग्रिड के माध्यम से आठ राज्यों में भारतीय रेलवे और मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी (MPPMCL) को आपूर्ति करेगा।इ नका निर्माण कार्य 2025 तक पूरा होने की संभावना है। (Agar, Neemuch and Shajapur Solar Park)
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मध्य प्रदेश के
खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर जलाशय पर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है। यह परियोजना 600 मेगावाट क्षमता वाली होगी और 3,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार की जा रही है। इसका विकास दो चरणों में होगा जिसमें पहले चरण में 278 मेगावाट और दूसरे चरण में 322 मेगावाट की क्षमता का निर्माण होगा। यह परियोजना नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) और विश्व बैंक की मदद से संचालित हो रही है।
इसे नर्मदा हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NHDC) द्वारा विकसित किया जा रहा है। जलाशय के पानी पर सोलर पैनल तैराए जा रहे है। परियोजना से हर साल 12 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड एमिशन में कमी आएगी जो पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। नवंबर 2024 को इसका पहला चरण को पूरा किया गया है। इसके सफल संचालन से लगभग 1.5 लाख घरों को स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति होगी। यह परियोजना भारत को 2070 तक नेट-जीरो लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी। (Omkareshwar Floating Solar Plant)
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ब्लूलीफ एनर्जी ने मध्य प्रदेश में विकास के तहत अपने 200 मेगावाट विंड-सोलर हाइब्रिड बिजली प्लांट लगा रहा है। ब्लूलीफ़ ने इसके लिए पचोरा इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) सबस्टेशन पर ग्रिड एक्सेस हासिल किया है। पचोरा हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट, ब्लूलीफ एनर्जी द्वारा निर्मित, स्वामित्व और संचालित किया जाएगा। इसका निर्माण कार्य 2025 में पूरा होने की उम्मीद है। पचोरा हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट से 600 गीगावाट से अधिक ऊर्जा का उत्पादन करने का अनुमान है जो लगभग 5 लाख 50 हजार परिवार को बिजली की आपूर्ति करेगा। इस पूरे प्रजेक्ट की कुल लागत 170 मिलियन डॉलर है। (Blue Leaf Energy Project)
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मुरैना में घोषित इस प्रोजेक्ट को 2 फेज में बनाया जाएगा। 600 मेगावाट के पहले फेज का नाम मुरैना-1 होगा जिसका निर्माण 2025 में शुरू होगा। मुरैना-1 देश का पहला सोलर पावर स्टोरेज प्लांट होगा जिससे सुबह बिजली को स्टोर कर रात में भी इसकी सप्लाई की जाएगी। इसके बाद मुरैना-2 फेज की शुरुआत की जाएगी जिसमे 2000 मेगावाट के सोलर प्लांट का निर्माण करा जाएगा। यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट होगा। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 3500 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है। यह दोनों सोलर प्लांट 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। (Morena Solar Power Project)